होली का त्योहार बस आने ही वाला है और बच्चे तो होली से कई दिन पहले ही गुलाल और रंगों से खेलना शुरू कर देते है। देखा जाये तो बड़ों से ज़्यादा बच्चों में इस त्योहार को लेकर उत्साह रहता है, लेकिन रंगों के इस त्योहार में यदि सावधानी न बरती जाये, तो बच्चों को नुकसान भी पहुंच सकता है। इसलिए सुरक्षित होली खेलने के लिए कुछ बातों का ध्यान ज़रूर रखें ताकि रंग में भंग न पड़े।
बच्चों को रंगों से दूर करना तो मुश्किल है, लेकिन थोड़ी सावधानी ज़रुर बरती जा सकती है।
बच्चों की सुरक्षित होली
– केमिकल वाले रंग की बजाय बच्चों को हर्बल कलर लाकर दें। वैसे तो यह बाज़ार में आसानी से मिल जाता है, पर आप चाहें तो घर पर भी इसे बना सकते हैं। मेहंदी की पत्तियां, फूल और हल्दी से आप हर्बल कलर बना सकते हैं।
– बच्चों को रंग की बजाय फूलों से होली खेलने के लिए प्रेरित करें।
– पानी वाले गुब्बारों से दूर रखें। बच्चों को समझाये कि पानी बर्बाद करना बुरी आदत है और पानी भरे गुब्बारे दूर से मारने पर किसी को चोट भी लग सकती है।
– होली खेलने से पहले बच्चों को नारियल तेल या ऑलिव ऑयल लगा दे। बालों में भी अच्छी तरह तेल लगाएं, इससे रंग से त्वचा और बालों को नुकसान नहीं होगा।
– बच्चों के कपड़ों का भी खास ध्यान रखें, उन्हें पूरी बाजू के कपड़े पहनाकर ही होली खेलने भेजें।
– यदि सोसाइटी में पानी या रंग से भरा ड्रम आदि है तो बच्चों को अकेले भेजने की बजाय खुद भी उनके साथ जाये।
– किसी तरह की दुर्घटना की स्थिति में डॉक्टर को तुरंत बुलाना पड़ सकता है, इसलिए अपने पास इमरजेंसी नंबर ज़रूर रखें।
– बच्चों को समझाये कि जब वह किसी को रंग लगायें, तो इस बात का ध्यान रखें कि रंग आंख और मुंह में न जाये।
– बच्चों को पिचकारी का सही इस्तेमाल करना भी सिखायें, उन्हें बताये कि किसी के चेहरे पर पिचकारी न मारे, इससे रंग आंखों में जा सकता है।
साथ ही बच्चों को होली खेलने के महत्व और इससे जुड़ी कहानियां भी ज़रूर बताये, ताकि बच्चे को पता हो कि होली मनाने की वजह क्या है।
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