किसी बुज़ुर्ग को सड़क पार करने में मदद करना, मुसीबत के समय ज़रूरतमंद की आर्थिक या शारीरिक मदद, गिर जाने पर किसी को उठाकर हॉस्पिटल ले जाना, किसी भूखे को खाना खिलाना आदि। इस तरह की छोटी-छोटी मदद सामने वाले के लिये तो फायदेमंद होती ही है, मदद करने वाले को भी इससे बहुत लाभ होता है।
न्यूज़ीलैंड की ओटागो यूनिवर्सिटी में हुये एक रिसर्च के मुताबिक, मुसीबत में दूसरों की मदद करने वाले इंसान को भी इससे फायदा होता है। वह ज़्यादा लचीला बनता है और सेहत भी अच्छी रहती है। अब तक बड़े-बुज़ुर्ग दूसरों की मदद और उदार बनने की सीख देते ही आये हैं और अब तो रिसर्च से भी इस बात की पुष्टि हो गई है।
लचीलापन
दूसरों की मदद करने और उदारता दिखाने वाला इंसान लचीला बन जाता है। जब आप किसी आपदा या मुश्किल घड़ी में लोगों की मदद करते हैं, तो भविष्य में इस तरह के हालात से निपटने के लिए खुद को मज़बूत बना रहे होते हैं। ऐसे लोग हर परिस्थिति के अनुरूप खुद को बिना किसी स्ट्रैस के ढ़ाल लेते हैं।
पॉज़िटिव सोच
किसी की हेल्प करने और मुश्किल समय में उसका साथ देने से पॉज़िटिविटी बढ़ती है। आपका मन और विचार पूरी तरह से पॉज़िटिव हो जाता है और विपरित परिस्थितियों में भी पॉज़िटिव सोच के कारण आप उसका आसानी से सामना कर सकते हैं।
बेहतर इंसान
उदारता हर किसी के व्यक्तित्व को निखारकर उसे और बेहतर बनाती है। उदार इंसान का हर कोई सम्मान करता है। जब आप दूसरों की मदद करते हैं, तो आसपास के लोगों और समाज के लिए प्रेरणा बन जाते हैं।
मिलती है मदद और खुशी
जो इंसान हमेशा उदार बने रहते हैं और ज़रूरतमंदों की मदद करते हैं, मुश्किल घड़ी में उन्हें आसानी से मदद मिल जाती है।
जब आप अपने लिए कुछ करते हैं, तो वो खुशी पलभर के लिए होती है, लेकिन जब आपके किसी छोटे से कदम से सामने वाले के चेहरे पर मुस्कान आती है, तो आपको अंदर से खुशी मिलती है।
अच्छी सेहत
जब आप खुश रहते हैं और पॉज़िटिव सोचते है, तो जाहिर है स्ट्रैस दूर हो जाता है। स्ट्रैस बहुत सी बीमारियों का कारण है, ऐसे में जब स्ट्रैस ही नहीं होगा तो बीमारियां अपने आप दूर रहेंगी।
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