कहते हैं कि भगवान ने इंसान को दो हाथ इसलिये दिये हैं ताकि एक से वह अपनी मदद कर सके और दूसरे से दूसरों की। साथ ही इंसान को एक मन भी दिया है, जिसमें दया-भावना का जन्म हुआ। आपने महसूस किया होगा, जब आप किसी की मदद करते हैं, तो दिल को एक सुकून मिलता है। यह सुकून आपके लिये बेहद ज़रूरी है, जानिये कैसे-
मॉरल एलिवेशन करती है ‘दया भावना’
जब आप किसी की मदद करते हैं, तो आपके दिल को सुकून मिलता है। मनोचिकित्सक इसे ‘मॉरल एलिवेशन’ यानि नैतिक उत्थान कहते हैं। यूएस जरनल ऑफ पर्सनैलिटी एंड सायकोलॉजी में छपी एक रिसर्च के मुताबिक अगर आप कहीं दया-भाव दिखाते हैं, या किसी के लिए कुछ करते भी हैं, तो अपके अंदर मॉरल एलिवेशन होता है, और आप भी दूसरों के प्रति दयालु हो जाते हैं। इसलिये इसे संक्रमक कहते हैं।
पहचान बनाने में मदद करती है नेकदिली
किसी की मदद करने से आपको संतुष्टि मिलती है और खुद पर गर्व होता है, फिर चाहे छोटी सी मदद ही क्यों न हो। दयालु होने के नाते आप दूसरों को तो कुछ देते ही हैं, खुद से भी प्यार करते हैं। आप अपनी एक पहचान बनाते हैं, जिस पर दूसरों को और खुद आपको गर्व होने लगता है।
मनुष्य में सहानुभूति स्वाभाविक होती है
यूनिवर्सिटी ऑफ वर्जीनिया के मनोचिकित्सक का कहना है कि मनुष्य का ब्रेन अपने आसपास के लोगों को (मित्रों, परिवार वालों को) खुद से जोड़ लेता है। इसलिये जब आप किसी अपने को खुश करने की कोशिश करते हैं, तो आपको भी अच्छा लगता है, क्योंकि आप किसी की ज़िंदगी में कुछ ठीक करने के साथ-साथ उसकी खुशी भी साझा करते हैं।
संबंध बनाती है दयालुता
दया और दूसरों के प्रति सहानुभूति ऐसी भावनाएं हैं, जो समाज के लोगों को आपस में जोड़ती हैं। अगर आप किसी की मदद करते हैं, तो उससे हमेशा के लिए जुड़ जाते हैं। वैसे ही अगर आप कुछ दान करते हैं, तो उस चैरिटी ग्रुप से जुड़ जाते हैं और इस तरह आप नये लोगों से संबंध बनाते हैं।
इंसान को अपने जीवन में सही सोच रखनी चाहिये
– दूसरों के प्रति सहानुभूति रखें।
– अपने भले के साथ-साथ दूसरों की भलाई के बारे में भी सोचें।
– बिना स्वार्थ के दूसरों की मदद करें, लोग आपकी पहचान खुद बना देंगे।
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