नीति एक खुशमिजाज़ लड़की है, जो केवल मुस्कुराना और हंसाना जानती है। एक दिन जब नीति को पता चला कि उसे ब्लड कैंसर है, तो वह थोड़ा मायूस हो गयी, लेकिन अपनी मुस्कुराहट बनाये रखी। उसकी इसी मुस्कुराहट ने उसे कैंसर से लड़ने की शक्ति मिलती थी। आज वह अपनी इस पॉज़िटिव सोच से अन्य लोगों को भी प्रेरित करती है।
नीति की तरह पॉज़िटिव सोच रखने वाला व्यक्ति कभी परेशानियों और कठिनाइयों से नहीं घबराते। उसकी पॉज़िटिव सोचने की शक्ति ही उसे हर मुश्किल से बाहर निकलने का रास्ता दिखाती है। कई ऐसी शख्सियतें हैं, जिन्होंने न सिर्फ पॉज़िटिव सोच से कैंसर को हराकर ज़िंदगी की जंग जीती बल्कि वे लोगों को भी जागरूक करा रहे हैं।
अनुराग बसु
साल 2004 में अनुराग बसु को रक्त कैंसर हुआ था। उनके ठीक होने की संभावना 50 फीसदी ही थी। डॉक्टरों से ये जानने के बाद भी अनुराग ने हिम्मत नहीं हारी, बल्कि अपने परिवार को भी हौसला दिया। आखिरकार तीन साल की लंबी लड़ाई के बाद न सिर्फ उन्होंने कैंसर को हराया, बल्कि आज वह सामान्य ज़िंदगी भी बिता रहे हैं।
लीसा रे
सुपरमॉडल, एक्ट्रेस लीसा रे को 2009 में मल्टीपल मायलोमा हुआ था। यह सफेद ब्लड सेल्स से जुड़ा कैंसर है। अपनी इस बीमारी के बारे में उन्होंने ‘द येलो डायरीज़’ नाम से किताब लिखी। करीब साल भर इलाज कराने के बाद लीसा ठीक हो पाईं। इस दौरान वह लगातार कैंसर को लेकर जागरुकता बढ़ाने में एक्टिव रही है।
युवराज सिंह
क्रिकेटर युवराज सिंह के कैंसरग्रस्त होने और फिर उससे उबरने की दास्तां से भला कौन वाकिफ़ नहीं है। युवराज की मां शबनम ने बताया था कि साल 2011 के विश्व कप के दौरान पहली बार उन्हें इस बीमारी का पता लगा। बीमारी से उबरने के बाद जब पहली बार युवराज सिंह एनसीए (नेशनल क्रिकेट अकादमी) गये, तो वह बल्ला पकड़ते हुए भी कांप रहे थे, लेकिन हिम्मत जुटाकर प्रैक्टिस शुरू कर दी और टीम में वापसी कर दिखाई।
मनीषा कोइराला
मनीषा कोइराला 2012 में ओवेरियन कैंसर से पीड़ित हुई थी। उन्हें बाद में ऑपरेशन कराना पड़ा था और कीमोथेरेपी के चलते उनके बाल भी झड़ गये थे। हिम्मत न हारते हुये मनीषा ने इससे लड़ने क फैसला किया।
ताहिरा कश्यप
बॉलीवुड एक्टर आयुष्मान खुराना की पत्नी ताहिरा कश्यप बीते कुछ महीनों से ब्रेस्ट कैंसर से जूझ रही थी। उन्होंने इस बीमारी को खुद पर हावी नहीं होने दिया, बल्कि सोशल मीडिया पर सर्जरी के बाद की फोटो डाली। उनकी ज़िंदगी का फलसफा है कि ज़िंदगी से जो मिले, उसे स्वीकार करो और आगे बढ़ो।
सोनाली बेंद्रे
बीते एक साल में सोनाली की ज़िंदगी में काफी कुछ बदल चुका था। उपचार के दौरान सोनाली को काफी संघर्ष करना पड़ा लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और कैंसर के साथ जंग करना स्वीकार किया और जीत भी हासिल की।
जीवन में कुछ भी संघर्ष आयें, इससे उबरने के लिये जीवन में पॉज़िटिव सोचिये, पॉज़िटिव करिये और पॉज़िटिव बनिये।
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