
दो अक्टूबर से पूरे देश में सिंगल यूज़ प्लास्टिक पर बैन लग गया। वैसे कुछ शहरों में पहले से ही प्लास्टिक बैन कर दिया गया है। पर्यावरण को ज़बरदस्त नुकसान पहुंचाने वाले प्लास्टिक कचरे को कम करने की इस मुहिम में आम लोगों से लेकर स्वयंसेवी संगठन तक सब जुटे हुये हैं। मुंबई के एक एनजीओ ने प्लास्टिक रिसाइकलिंग में अनोखी क्रिएटिविटी दिखाई है, जिससे हानिकारक प्लास्टिक को उपयोगी वस्तुओं में बदला जा सकता है।
प्लास्टिक से बनी बेंच
यदि आप मुंबई के किसी महानगरपालिका पार्क में टहल रहे हैं और आपको हरे रंग की बेंच दिखे तो उसे मामूली बेंच मत समझिये क्योंकि ऐसी बेंच को बेकार प्लास्टिक से बनाया गया है। ‘प्रोजेक्ट मुंबई’ एनजीओ है, जो पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप पैटर्न पर काम करती है। ये एनजीओ प्लास्टिक की रिसाइकलिंग करके उससे उपयोगी वस्तुओं का निर्माण कर रही है। यह संस्था प्लास्टिक रिसाइक्लोथॉन के दूसरे चरण के तहत लोगों से प्लास्टिक कचरा, रैपर, बैग, ड्रम, कुर्सी, ब्रश, टेट्रा पैक, दूथ के पैकेट आदि एकत्र करके बेंच, पेंसिल और कचरे का डिब्बा बना रही है। पिछले साल प्लास्टिक रिसाइक्लोथॉन में करीब 85000 लोगों ने प्लास्टिक कचरा दान किया था।

एक काम से दो फायदे
रिसकाइकलिंग से जहां प्लास्टिक कचरे का सही इस्तेमाल हो जायेगा और पर्यावरण प्रदूषण कम होगा, वहीं दूसरी ओर लोगों को इस्तेमाल के लिये नई चीज़ें मिलेंगी। प्लास्टिक से दिलचस्प चीज़ें बनाने के लिए मुंबई महानगरपालिका जेजे स्कूल ऑफ आर्ट्स के छात्रों से मदद ले रही है। इतना ही नहीं लोगों को प्लास्टिक का उपयोग न करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। इस मुहिम में प्लास्टिक दान करने वाले लोगों को बदले में कपड़े का एक बैग दिया जाएगा ताकि लोगों में यह संदेश जाये कि वह अगली बार घर से निकलने से पहले अपने साथ कपड़े का बैग लेकर जायें।
आप भी करें पहल
- पर्यावरण को बचाने का काम किसी एक व्यक्ति या संस्था का नहीं है। यह सबकी ज़िम्मेदारी है, इसलिए हर किसी को अपने स्तर पर पर्यावरण को प्लास्टिक से मुक्त करने के लिये पहल करनी चाहिए।
- अगली बार से जब भी आप शॉपिंग के लिए निकले तो कपड़े का बैग लेकर जायें।
- प्लास्टिक पैकिंग वाली चीज़ें न खरीदें और यदि कभी कोई दुकानदार प्लास्टिक दे, तो लेने से इनकार कर दें।
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