आजकल के बच्चे जब सारा दिन मोबाइल या लैपटॉप पर लगे रहते है, तो उन्हें किताबें पढ़ाना भी बहुत ज़रूरी हो जाता है। इससे न सिर्फ उनका दिमागी विकास होता है, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य भी अच्छा रहता है। अगर बच्चों को एक बार पढ़ने की लत लग जायें, तो वह खुद ब खुद ही टीवी, मोबाइल जैसे गैजेट्स के दूर होने लगेंगे।
क्यों ज़रूरी है पढ़ना?
कुछ लोगों को पढ़ने का शौक होता है, कहीं भी किताब दिखी तो उठाकर पढ़ने लग जाते हैं, लेकिन क्या आपको पता है कि यह आदत न सिर्फ आपको रचनात्मक बनाती है, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य को भी ठीक रखती है। पढ़ने से याददाश्त बढ़ती है, तनाव कम होता है और दिमाग तरोताज़ा रहता है। कई अध्ययनों से यह बात साबित हुई है कि पढ़ने की आदत अल्ज़ाइमर बीमारी की संभावना को कम करती है। रात को सोने से पहले कोई पॉज़िटिव किताब पढ़ने से नींद भी अच्छी आती है। पढ़ने के इतने सारे फायदे हैं तो क्यों न बच्चों मे यह अच्छी आदत डाली जाये।
पढ़ने के फायदे-
– पढ़ने से दिमाग की एक्सरसाइज़ होती है। टीवी देखने और मोबाइल पर गेम खेलने के मुकाबले पढ़ना एक मुश्किल काम है, जिसमें दिमाग ज़्यादा खर्च करना पड़ता है और इससे दिमाग तेज़ होता है।
– जिन बच्चों को किताबें पढ़ने की आदत होती है, उनका कॉन्सन्ट्रेशन बाकी बच्चों से अच्छा होता है।
– पढ़ने से बच्चें खुद को दुनिया से कनेक्ट कर पाते हैं, उन्हें दूसरी जगहों, लोगों आदि के बारे में जानकारी मिलती है। किताब में दी गई जगहें, लोग आदि की जानकारी दिमाग में स्टोर होती जाती है।
– किताबें पढ़ने से शब्दकोश के साथ ही लैग्वेज स्किल भी अच्छे होते है। बच्चे नये शब्द सीखते हैं, वाक्य किस तरह से बना है समझते है, किसी शब्द को कैसे अलग-अलग तरीके से इस्तेमाल किया जा सकता है, आदि भी पता चलता है।
– पढ़ने से बच्चों में संवेदना भी बढ़ती है। बुक में दिये गये लोगों और घटनाओं को पढ़ने के दौरान वह महसूस करते हैं और उससे उन्हें सहानुभूति होती है।
– बच्चों के साथ सोफे पर बैठकर कोई कहानी पढ़ें या उनके साथ लाइब्रेरी में जाकर किताब पढ़ने से पैरेंट्स और बच्चों की बॉन्डिंग भी मज़बूत होती है।
– जिन बच्चों को किताबें पढ़ने की आदत होती है, स्कूल में उनका परफॉर्मेंस अच्छा रहता है और हर सब्जेक्ट में वह अच्छा प्रदर्शन करते हैं।
हालांकि शुरूआत में बच्चों को किताबें पढ़ना बोरिंग लगे, इसलिये उन्हें पहले दिलचस्प किताबें लाकर दें। बच्चों को पढ़ाने का सबसे अच्छा तरीका है कि आप खुद उनके सामने किताब पढ़ें, जिससे बच्चे आपको कॉपी करेंगे।
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