जीवन में आप चाहे कितने भी बिज़ी क्यों न हो, पर घूमने के लिए समय ज़रूर निकालना चाहिये। नया शहर, नये लोग, नई भाषा और अलग खाना आपके जीवन में एक नया अनुभव जोड़ते हैं। एक ऐसा अनुभव, जो आपको कुछ न कुछ ज़रूर सिखाता है। अक्सर लोग बैचलर या शादी के बाद तो खूब घूमते है, लेकिन बच्चे होने बाद घूमने के इस शौक पर विराम लगा देते है।
अगर आप ऐसा करते है, तो याद रखिये कि बच्चों को भी नई जगहों के बारे में दिखायें क्योंकि बच्चे वही सीखते हैं जो देखते हैं। अगर आपको लगता है कि बच्चे होने से पहले आप आसानी से सफर कर लेते थे और अब कहीं बाहर जाने के नाम से ही घबराहट होती है, तो हम आपको कुछ ऐसे टिप्स देंगे, जिसे फॉलो करने से बच्चों के साथ ट्रैवल करना बेहद आसान हो जायेगा।
बच्चों को प्लान में शामिल करें
जब भी आप ट्रिप का प्लान बनायें, तो बच्चों से उनकी मनपसंद जगह के बारे में ज़रूर पूछे। अगर आपका प्लान कहीं और जाने का है, तो बच्चों को उस जगह की अच्छी चीज़ों के बारे में बतायें ताकि वह ट्रिप के लिये एक्साइटेड रहें।
पीडियाट्रिशियन से मिलकर जायें
आप सोच रहे होंगे कि घूमने जाने से पहले डॉक्टर का क्या काम। तो, ध्यान रखें कि अगर आप अपने बच्चों के डॉक्टर से उसकी वैक्सीनेशन का अपडेट और इमरजेंसी में देने वाली दवाइयों के बारे में जानकारी हासिल कर लेंगे, तो ट्रैवलिंग के समय आपके मन को बेहद सुकून मिलेगा। बच्चों की कुछ बेसिक दवाइयां साथ ले जाना न भूलें।
सेंट्रल एरिया में रहे
जब भी आप बच्चों के साथ ट्रैवल कर रहे हो, तो शहर के बीच में रहें। इससे आप और आपका परिवार सुरक्षित भी रहेगा और बच्चे की ज़रूरतों को पूरी करने के लिए आसानी से जनरल स्टोर, रेस्टोरेंट या अन्य जगहों पर भी जा सकेंगे।
हो सके तो किड्स-फ्रैंडली होटल में रुके
बच्चे बहुत जल्दी बोर हो जाते हैं, इसलिए रुकने के लिए ऐसा होटल चुने, जिसमें गेम रूम, स्वीमिंग पूल जैसी जगह हों।
बच्चे की कुछ फेवरेट चीज़ें साथ ले जायें
अगर आप बच्चे का फेवरेट खिलौना, किताब या कोई एक्टिविटी सेट साथ ले जायेंगे, तो बच्चा नई जगह पर भी सहज महसूस करेगा।
स्नैक्स और पानी साथ रखें
बच्चों को भूख कभी भी लग सकती है और तुरंत कुछ खाने को न दिये जाने पर वह चिड़चिड़े हो जाते हैं। इसलिए घर से बाहर निकलते समय बच्चों के लिए स्नैक्स और पानी ज़रूर साथ रखें क्योंकि ऐसा न करने पर हो सकता है कि बच्चा कुछ मांगे और आसपास कोई दुकान न नज़र आये।
एक्टिविटी लिस्ट बच्चों की उम्र के हिसाब से बनायें
बच्चों को बीच-बीच में आराम करने का मौका दें और अपने रूटीन में ज़रूरत से ज़्यादा एक्टिविटीज़ शामिल न करें। बच्चे ज़्यादा थकान से भी चिड़चिड़े हो जाते हैं, फिर वह न कुछ इंजॉय कर पाते हैं और न ही ठीक से कुछ खा पाते हैं।
उम्मीद है कि इन छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखकर आप अपने बच्चों के साथ आसानी से दुनिया घूम सकेंगे।
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