विद्या और ज्ञान की देवी मां सरस्वती की पूजा बसंत पंचमी के दिन की जाती है। इस दिन से ऋतुओं के राजा बसंत पंचमी की शुरुआत होती है और चारों तरफ हरियाली और फूलों की खुशबू बिखर जाती है। यह मौसम बहुत ही सुहाना होता है। बसंत पंचमी का त्योहार मनाने के पीछे आखिर क्या मान्यता है? आइए, जानते हैं।
क्यों मनाया जाता है बसंत पंचमी का त्योहार?
बसंत पंचमी के त्योहार को मां सरस्वती के जन्मदिन और बसंत ऋतु के आगमन की खुशी में मनाया जाता है। पौराणिक मान्यता के अनुसार जब ब्रह्मा जी ने पूरी सृष्टि की रचना कर ली यानी मनुष्य, पेड़-पौधे और जीव-जंतु बना लिए तो उन्हें कुछ कमी नज़र आई। फिर उन्होंने अपने कमंडल से जल छिड़का जिससे चार हाथों वाली सुंदर स्त्री प्रकट हुई। उनके एक हाथ में वीणा, दूसरे में पुस्तक, तीसरे में माला और चौथे में वर-मुद्रा थी। ब्रह्मा जी के कहने पर जैसे ही इस देवी ने वीणा बजाई सृष्टि की समस्त चीजों में आवाज़ आ गई और ब्रह्मा जी ने इन्हें देवी सरस्वती नाम दिया, वह दिन बसंत पंचमी का ही था। इसलिए इस दिन देवी सरस्वती की खास पूजा-अर्चना की जाती है और उन्हें पीले वस्त्र और पीले रंग का भोग लगाया जाता है। बच्चों को भी इस दिन देवी सरस्वती की पूजा-अर्चना करनी चाहिए। इस बार बसंत पंचमी का त्योहार 16 फरवरी को मनाया जाएगा।
पीले रंग का महत्व
बसंत ऋतु का रंग होने की वजह से पीले रंग को बसंती भी कहा जाता है। यह रंग समृद्धि, प्रकाश और ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है। इसलिए इस दिन मां सरस्वती को पीले रंग के प्रसाद का भोग लगाया जाता है।
पीले रंग का वैज्ञानिक महत्व
पीले रंग को हिंदू धर्म में बहुत शुभ और पवित्र माना गया है तभी तो शादी में भी पीले रंग का इस्तेमाल होता है, लेकिन पीले रंग का सिर्फ धार्मिक ही नहीं वैज्ञानिक महत्व भी है। विज्ञान के अनुसार भी पीला रंग बहुत शक्तिशाली है।
- यह उम्मीद, आनंद और खुशहाली को बढ़ाता है।
- यह रंग उत्साह जगाता है और व्यक्ति में आत्मविश्वास और उम्मीद जगाता है।
- पीला रंग मौलिक विचार और जिज्ञासा को बढ़ाता है।
- इस रंग के मानसिक पहलू की बात करें तो यह व्यक्ति को रचनात्मक बनाता है और किसी काम को करने के नए तरीखे खोजने में मदद करता है।
- विज्ञान के मुताबिक यह रंग उत्साह और आत्मविश्वास बढ़ाकर डिप्रेशन को दूर रखने में मदद करता है। यह दिमाग को सक्रिय बनाता है।
- सूर्य का प्रकाश पीले रंग का होता है और जब आप पीले रंग के कपड़े पहनकर धूप में निकलते हैं तो सूर्य की ऊर्जा आपको मिलती है।
पीला रंग खुशहाली, नई शुरुआत और उम्मीदों का रंग है, इसलिए बसंत पंचमी के दिन इस रंग को अहमियत दी जाती है।
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