बीमार बना सकती है इमोशनल ईटिंग की आदत

बीमार बना सकती है इमोशनल ईटिंग की आदत

FacebookTwitterLinkedInCopy Link

भूख लगने पर तो सभी खाते हैं, मगर कुछ लोग बिना भूख लगे भी खाते रहते हैं और उन्हें इस बात का एहसास तक नहीं होता कि वह कितना खा चुके हैं। अपनी किसी भावनात्मक फीलिंग को छिपाने या खुद को शांत रखने के लिये लोग बिना सोचे-समझे कुछ भी खाने लगते हैं, जो सेहत के लिए ठीक नहीं है। खाने की यही आदत इमोशनल ईटिंग कहलता है।

इमोशनल ईटिंग क्या है?

स्ट्रैस, परेशानी और गुस्से की अपनी भावना को कंट्रोल करने के लिए कुछ लोग जंकूफूड, मीठा, आइसक्रीम आदि खाने लगते हैं, इसे ही इमोशनल ईटिंग कहते हैं। आमतौर पर लोग अपनी नेगेटिव भावनाओं को दबाने के लिये ज़रूरत से ज़्यादा अनहेल्दी चीज़ें खाने लगते हैं और उन्हें इस बात का एहसास नहीं रहता कि वह कितना खा चुके हैं, इस चक्कर में अक्सर वह ओवरइटिंग कर लेते हैं और नतीजा बढ़े हुए वज़न के रूप में सामने आता है।

इमोशनल ईटिंग से बचने के लिए इन बातों का ध्यान रखें-

शरीर का ध्यान रखें

आपके शरीर में यदि कोई तकलीफ हो जैसे- दर्द, सर्दी-ज़ुकाम या कोई अन्य परेशानी, तो उस पर तुरंत ध्यान देने की और उसका इलाज करवाने की ज़रूरत है, क्योंकि जब इन पर ध्यान नहीं दिया जाये, तो इससे स्ट्रैस, चिड़चिड़ापन बढ़ेगा और इसे कम करने के लिये ही कुछ लोग इमोशनल ईटिंग के शिकार हो जाते हैं।

बीमार बना सकती है इमोशनल ईटिंग की आदत
इमोशनल ईटिंग का शिकार  | इमेज : फाइल इमेज
डाइट स्किप करना

इमोशनल ईटिंग की दूसरी वजह एक टाइम का खाना स्किप करना भी हो सकता है। सही समय पर खाना नहीं खाने से हमें भूख ज़्यादा लगती है और फिर हम बाद में बगैर सोचे-समझे कुछ भी अनहेल्दी चीज़ें खा लेते हैं और हमें क्वांटिटी का भी ध्यान नहीं रहता। इमोशनल ईटिंग से बचने के लिए सही टाइम पर खाना खाना ज़रूरी है।

आदत बदलें

कभी-कभी जंकफूड खाने की लालसा होना आम है, लेकिन यदि यह आपका रूटीन हो गया है तो अपनी इस आदत को बदल लें। अनहेल्दी खाने की लालसा पर यदि ध्यान नहीं दिया गया, तो इमोशनल ईटिंग की समस्या आपको बीमार कर सकती है। इससे बचने के लिये खुद की इच्छाओं पर काबू करना ज़रूरी है।

अधूरी नींद

क्या आपने कभी नोटिस किया है कि जब आपकी नींद पूरी नहीं होती और आपको थकान सी महसूस होती है, तो आप हेल्दी की बजाय चटपटा खाना ज़्यादा पसंद करते हैं भले ही वह अनहेल्दी ही क्यों न हो। साथ ही इन हालात में आप ज़्यादा खा लेते हैं। थकान दूर करने के लिये जंकफूड खाना सामान्य बात है, लेकिन यह आदत सेहत के लिये अच्छी नहीं है, इसलिए इमोशनल ईटिंग से बचने के लिए आपको पर्याप्त नींद लेनी ज़रूरी है। एक बात और ध्यान रखिये कि ज़रूरत से ज़्यादा सोने से भी इंसान ज़्यादा खाने लगता है। तो हेल्दी रहने के लिए सिर्फ 7-8 घंटे की नींद ही काफी है।

वर्कआउट

इमोशनल ईटिंग को अक्सर खराब मूड से जोड़कर देखा जाता है और मूड अच्छा रखने के लिए रेग्युलर एक्सरसाइज़ बहुत ज़रूरी है, तो आज से ही सुबह उठकर एक्सरसाइज़ शुरू कर दीजिये। इससे आप फिज़िकली और मेंटली हेल्दी रहेंगे।

इमेज : विकिमीडिया

और भी पढ़े: मन को रखें शांत

अब आप हमारे साथ फेसबुक, इंस्टाग्राम और ट्विटर पर भी जुड़िये।

Your best version of YOU is just a click away.

Download now!

Scan and download the app

Get To Know Our Masters

Let industry experts and world-renowned masters guide you towards a meditation and yoga practice that will change your life.

Begin your Journey with ThinkRight

  • Learn From Masters

  • Sound Library

  • Journal

  • Courses

ThinkRight empowers you with calming tools, techniques, and affirmations that compel you to begin your day with a mindful mindset. The right thought flows into the right action and behaviour, changing your perspective towards life.   

call-btn

Have a question?

+91 808080 9339
msg-btn

Contact us at

support@thinkright.me

Download The App

Connect with us

+91 808080 9339

Write to us at

Congratulations!
You are one step closer to a happy workplace.
We will be in touch shortly.