तूफान के बारे जब बात होती है, तब यह तय होता है कि वह अपने साथ तबाही लेकर आता हैं। फानी भी उनमें से एक हैं, जिसने अपनी दस्तक से हर किसी के मन में डर पैदा कर दिया था। लेकिन भारत ने समय रहते इस चक्रवात से बेहतर इंतजाम कर लाखों की जान बचाई। इसकी तारीफ भारत ही नहीं बल्कि इंटरनेशनल मीडिया भी कर रहा है।
क्या है यह ‘फानी’?
तेज हवाओं के साथ बारिश और समंदर में ऊंची लहरें के साथ आने वाले इस चक्रवात का नाम “फानी” तूफान दिया गया। यह अपने सामने आने वाली हर चीज़ को तबाह करते हुये ले जाता है। हालांकि लोग इसे कई नामों जैसेकि फानी, फोनी या फणि आदि भी कहते है। जैसे जैसे चक्रवात एक देश से दूसरे देश में आता गया, वैसे वैसे इसका नाम भी बदलता गया, लेकिन इंग्लिश में इसे Fani लिखा जाता है, इसलिए अब इसे ‘फानी’ कहा जाने लगा।
तूफान से लड़ने की तैयारी
दूसरे तूफानों की तरह फानी तूफान भी भारत में तबाही का ही मंजर लेकर आता लेकिन भारत ने इसे रोकने और लोगों की जान बचाने के कई इंतज़ाम पहले ही कर लिये थे। भारत के ओडिशा राज्य को जैसे ही अलर्ट की जानकारी मिली, उसके बाद से ही ओडिशा सरकार ने पूरी तेजी से काम करना शुरु कर दिया था। इसके कहर से बचने के लिये सरकार ने अच्छी योजना तैयार कर रखी थी। लोगों को इसकी गंभीरता को समझाने के लिए 26 लाख मैसेज भेजे गये। 43,000 वॉलेंटियर को पहले से ही तैनात रखा गया। इसके अलावा 1,000 के लगभग इमरजेंसी कर्मचारियों को पहले ही तैनात कर दिया गया था।
कैसे किया लोगों को अलर्ट ?
टीवी विज्ञापनों, तटीय सायरन, बस, पुलिस अधिकारी और पब्लिक एड्रेस सिस्टम के माध्यम से वॉर्निंग मैसेज लोगों तक पहुंचाये गये। मैसेज को ज़्यादा इफेक्टिव बनाने के लिए लोकल भाषा का भी उपयोग किया गया। लोगों को तूफान के खतरे के बारे में बताया गया, साथ ही उन्हें घरों से न निकलने की इंस्ट्रक्शन दी गई। उस दौरान, ट्रेन, बस, फ्लाइट, स्कूल-कॉलेज और सरकारी-प्राइवेट ऑफिस बंद रखे गये, जिससे लोगों को घरों से बाहर निकलने की ज़रुरत न पड़े।
एक बड़ी सफलता
वैसे तो फानी की वजह से ओडिशा के लगभग दस हज़ार गांव और 52 शहर प्रभावित हुये। ऐसे में चेतावनी के बाद डेंजर एरिया से 11 लाख से ज़्यादा लोगों को हटाकर उन्हें सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया गया। इतनी बड़ी संख्या में प्रभावितों के रहने के लिए 5000 शेल्टर होम तैयार किए गए थे।
फानी के असर को देखते हुए आस-पड़ोस के राज्यों में भी अलर्ट जारी किया गया था। सरकार की सर्तकता के कारण बड़ी तबाही कम में सिमट कर रह गई। ये किसी बड़ी सफलता से कम की बात नहीं हैं।
इमेज: न्यू योर्क टाइम्स
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