कोई अपना और करीबी जब चोट पहुंचाता है, तो पलभर के लिए हमें सदमा लगता है, हम समझ नहीं पाते कि इस परिस्थिति में कैसे रिएक्ट करना है, लेकिन चोट कितनी भी गहरी क्यों न हो, उसे भूलकर आगे तो बढ़ना ही पड़ता है। जब कोई आपको चोट पहुंचाये, तो दुख में टूटने की बजाय खुद को इस हालात से उबारने की कोशिश करें।
ज़िंदगी में आगे बढ़ने के लिए चोट के दर्द से उबरना होगा और इसके लिए कुछ बातों पर अमल करें।
– सबसे पहले तो यह जानने की कोशिश करें कि क्या सामने वाले इंसान ने जानबूझकर आपके साथ ऐसा किया है या फिर अनजाने में उससे गलती हो गई या आपको कोई गलतफहमी हुई है। इस मामले में दिल की बात सुनें और यदि आपको लगता है कि सामने वाले ने जानबूझकर ऐसा किया है, तो चुप रहने की बजाय शांति के साथ अपनी प्रतिक्रिया दें।
– यदि आप उस शख्स का सामना करने की सोचते हैं, तो फिर उससे मिलते ही अपनी भावनायें और अपना पक्ष खुलकर रखें, इससे सामने वाला भी अपनी बात रखता है। हो सकता है कि इस तरह से आप दोनों ही किसी नतीजे पर पहुंच जाये और जो चोट पहुंची है, शायद आप उसे भूल जाये।
– यदि कभी आपको यह लगे कि सामने वाले ने आपका दिल दुखाया है और उसकी वजह कहीं न कहीं आप भी है, तो माफी मांगने में संकोच न करें। इससे दिल का बोझ हल्का हो जाता है।
– माफ करके आगे बढ़ें। ये बात सही है कि दिल पर लगी चोट को भूलना आसान नहीं है लेकिन जब आपको चोट पहुंचाने वाला इंसान ज़िंदगी में आगे बढ़ चुका है, तो आप क्यों पुरानी बातों को लेकर अब तक दुखी हैं। चाहे चोट जानबूझकर पहुंचाई हो या अनजाने में उसे भूलकर और उस शख्स को माफ करके आगे बढ़ने में ही भलाई है।
– किसी ने आपको चोट पहुंचाई, इसलिए आप दूसरों से बुरा व्यवहार करें, ये बात ठीक नहीं है। आमतौर पर ऐसा होता है जब हम अंदर से दुखी होते हैं, तो दूसरों से अच्छी तरह बात नहीं करते लेकिन इस आदत को बदलना होगा अपने बीते हुए बुरे कल की परछाई आज पर न पड़ने दें।
– आपको चोट पहुंची है, ये बात सामने वाले को समझ आनी चाहिए लेकिन इसके लिए ज़रूरी नहीं कि आप गुस्सा करें। शांत होकर अपनी बात उसके सामने रखें।
चोट पहुंचाने वाले को माफ ज़रूर करें लेकिन उसे उसकी गलती का एहसास भी कराये।
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