मुंबई में पिछले कुछ समय से आरे कॉलोनी को लेकर ज़बरदस्त विवाद चल रहा है, सरकार मेट्रो शेड बनवाने के लिये आरे कॉलोनी के हज़ारों पेड़ कटवा रही है। इसका लोग ज़बरदस्त विरोध कर रहे हैं। उधर सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल आरे कॉलोनी में पेड़ों की कटाई पर रोक लगा दी है। इसके साथ महाराष्ट्र सरकार से कहा है कि अगली सुनवाई तक पेड़ों की कोई कटाई नहीं होगी।
क्या है आरे कॉलोनी विवाद?
मायानगरी में जहां हर तरफ कंकरीट के जंगल है, वहां गोरगांव फिल्म सिटी के पास पेड़ों से घिरी आरे कॉलोनी है, जिसे आरे जंगल कहा जाता है। अब विकास के नाम पर सरकार इस जंगल को काटकर मेट्रो के लिए शेड बनवाना चाहती है, मगर भारी विरोध के बाद मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को पेड़ों की कटाई पर रोक लगा दी है। साथ ही महाराष्ट्र सरकार को उन प्रदर्शनकारियों को तुरंत रिहा करने को भी कहा है, जिन्हें विरोध के बाद हिरासत में ले लिया गया था।
आपको बता दें कि ‘सेव आरे’ मुहिम में न सिर्फ आम जनता और पर्यावरण प्रेमी शामिल है, बल्कि बॉलीवुड जगत की कई मशहूर हस्तियों ने भी आरे जंगल काटे जाने का विरोध किया। पर्यावरण का बिगड़ता संतुलन देख लोगों को समझ आ चुका है कि पेड़ हमारे जीवन और पर्यावरण के लिए कितने ज़रूरी है और यह विरोध इस बात का सबूत है।
क्यों ज़रूरी होते हैं पेड़?
पेड़ पर्यावरण संतुलन के लिए बहुत ज़रूरी है। पेड़ों की बेतहाशा कटाई की वजह से ही कहीं बाढ़ तो कहीं सूखे की स्थिति बन जाती है। एक रिसर्च के मुताबिक, जिन शहरों में ज़्यादा पेड़ हैं वहां का तापमान कम पेड़ वाले शहरों की तुलना में 5 डिग्री तक कम रहता है। पेड़ों की जड़ें मिट्टी को बांधे रखती हैं और यह मिट्टी सतह के नीचे के पानी को फिल्टर करने का काम करता है। पेड़ के फल, बीज और फूल खाने, दवाइयों और सजावट में काम आते हैं। पेड़ हमारे जीवन की ज़रूरतों को पूरा करने और साफ हवा-पानी के लिए भी बहुत ज़रूरी है।
तो आइये, मिलकर पेड़-पौधे लगायें और उन्हें बचायें भी। तभी हम अपने आने वाले भविष्य को बेहतर और हरा-भरा जीवन दे पायेंगे।
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