जिन बच्चों का स्पोर्ट्स या आर्ट्स के क्षेत्र में रुझान होता है, उन्हें अक्सर दसवीं या बारहवीं के एग्ज़ाम पास आते ही अपना ध्यान पढ़ाई पर केंद्रित करना पढ़ता है। मिनिमम अटेंडेंस के लिए प्रैक्टिस छोड़ कर स्कूल जाना पड़ता है, जिससे उनकी प्रैक्टिस में अड़चन आती है। बच्चों की इस दुविधा को हल करते हुए महाराष्ट्र सरकार ने एक ऐसा प्रोग्राम लॉंच किया है, जिससे खेल और कला के क्षेत्र में रुचि रखने वाले बच्चों को अब राहत की सांस मिलेगी।
क्या है यह प्रोग्राम?
खेल और कला को आगे बढ़ाने के लिए छात्रों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से महाराष्ट्र सरकार ने हाल ही में ‘ओपन एसएससी बोर्ड’ या ‘होम स्कूलिंग’ की शुरुआत की है। यह प्रोग्राम इस साल दस जनवरी को शुरु हुआ है। इस कदम की घोषणा करते हुए राज्य के शिक्षा और खेल मंत्री विनोद तावड़े ने कहा कि खेल या कला में रूचि रखने वाले छात्र या दिव्यांग बच्चे, जो रेग्युलर स्कूल नहीं जाना चाहते हैं, इस नई सुविधा का लाभ उठा सकते हैं।
तावड़े ने यह भी बताया कि ओपन एसएससी के तहत दिए गए अंक, राज्य बोर्ड, साबीएससी और आईसीएससी द्वारा आयोजित रेग्युलर कक्षा दसवीं की परीक्षा के बराबर होंगे।
इस दिशा में आगे बढ़ते हुए राज्य में कुछ ऐसे सेंटर्स खोले गए हैं, जो ओपन एसएससी में एनरोल हुए छात्रों का मार्गदर्शन करेंगे। ओपन एसएससी बोर्ड के एग्ज़ाम हर साल दो बार दिसंबर और जून में होंगे। इसके अनुसार जो बच्चा दस साल का है, वो पांचवीं क्लास के एग्ज़ाम दे सकता है, 13 साल का बच्चा आठवीं और 15 साल का बच्चा दसवीं का एग्ज़ाम दे सकता है।
राज्य बोर्ड की चेयरपर्सन शकुंतला काले के मुताबिक आवेदन की प्रक्रिया 31 जनवरी तक खुली थी, लेकिन वो समय सीमा का विस्तार करने के बारे में सोच रहे हैं। अभी पंजीकरण करने वाले छात्र छह महीने बाद होने वाली परीक्षा में शामिल हो सकेंगे।
विदेशों में मशहूर है होम स्कूलिंग
“होमस्कूलिंग” आमतौर पर उत्तरी अमेरिका में इस्तेमाल किया जाने वाला शब्द है, जबकि “होम एजुकेशन” को यूनाइटेड किंगडम, यूरोप और कई राष्ट्रमंडल देशों में उपयोग किया जाता है। यूएस नेशनल सेंटर फॉर एजुकेशन स्टेटिस्टिक्स के अनुसार साल 2011-2012 के स्कूल वर्ष में अमेरिका के कुल बच्चों में से लगभग तीन प्रतिशत ने होम स्कूलिंग की थी। साल 2016 तक संयुक्त राज्य में लगभग 17 लाख होम स्कूल छात्र हैं।
स्टैंडर्डाइज़्ड टेस्ट में होम स्कूलर्स राष्ट्रीय औसत से ऊपर स्कोर करते हैं। होमस्कूल के छात्रों को कई आइवी लीग विश्वविद्यालयों में भी स्वीकार किया गया है।
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