किसी ने सच ही कहा है ‘जहां चाह वहां राह’ यानी आप यदि सचमुच कुछ हासिल करना चाहते हैं, तो रास्ता खुद ब खुद बन जाता हैं। बिहार के गरीब छात्र अपने करियर को संवारने के लिए रेलवे स्टेशन की लाइट की रोशनी में बैठकर पढ़ाई कर रहे हैं और अभावों के बावजूद प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता के झंडे गाड़ रहे हैं।
रेलवे स्टेशन बना शिक्षा का हब
अगर आप बिहार के सासाराम स्टेशन पर जाएं और वहां बैठे छात्रों का समूह देखें, तो हैरान होने की ज़रूरत नहीं है क्योंकि वे लोग किसी ट्रेन के इंतज़ार में नहीं बैठे, बल्कि अपने भविष्य को सुनहरा बनाने की तैयारी कर रहे है। दरअसल, सासाराम इलाके के गांवों में बिजली की बहुत समस्या है, जिसकी वजह से छात्र पढ़ाई नहीं कर पाते थे। इसी दिक्कत के चलते वे रेलवे स्टेशन की लाइट में पढ़ने को मजबूर हैं। हालांकि रेलवे प्लेटफॉर्म पर आप बिना टिकट के नहीं जा सकते, लेकिन पटना के रेल पुलिस सुपरिटेंडेंट जितेंद्र मिश्रा ने करीब 500 छात्रों को आईकार्ड दिलवाएं हैं, ताकि वे लोग प्लेटफॉर्म पर बैठकर आराम से पढ़ाई कर सके।
एक-दूसरे की मदद
यहां न सिर्फ प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्र आते हैं, बल्कि एक्ज़ाम पास कर चुके छात्र भी मदद करने आते हैं। यहां विभिन्न विषयों की तैयारी के साथ ही छात्र ग्रुप डिस्कशन की तैयारी भी कर लेते हैं। यहां आने वाले अधिकांश छात्र गरीब परिवार से हैं। ऐसे में वह परीक्षा पास करके सरकारी नौकरी पाना चाहते हैं ताकि अपनी ज़िंदगी संवारने के साथ ही परिवार की भी मदद कर सकें।
मुश्किलों से कम नहीं हुआ जज़्बा
पैसों की कमी हो या बिजली की समस्या इन छात्रों की पढ़ाई का जज़्बा कभी कम नहीं हुआ। जी तोड़ मेहनत के साथ पढ़ाई करने वाले कई छात्रों ने बहुत सी परीक्षाएं पास भी कर ली हैं और कुछ अपने सपनों को संजोए लगातार पढ़ाई में जुटे हुए हैं। इस बात में कोई दो राय नहीं है कि तमाम प्रतियोगी परीक्षाओं में बिहार के छात्रों का परचम लहराता है, ऐसे में बाकी छात्र सोचते हैं कि आखिर ये लोग हर प्रतियोगी परीक्षा में आगे कैसे रहते हैं? सासाराम के छात्रों की लगन और मेहनत देखकर आपको इस सवाल का जवाब मिल जाएगा।
कई सालों से चल रहा सिलसिला
सासाराम रेलवे स्टेशन पर पढ़ाई करने का सिलसिला कई सालों से चल रहा है और अब तो छात्रों की तादाद काफी बढ़ गई है। यहां स्टेशन कर्मचारी से लेकर दुकानवाले तक सब छात्रों का सहयोग करते हैं। इसके अलावा ग्रुप में पढ़ाई करने से छात्रों को भी फायदा होता है। प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने के बावजूद इन छात्रों में आपस में किसी तरह की प्रतियोगिता नहीं दिखती और ये एक-दूसरे की मदद के लिए तैयार रहते हैं।
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