अगर मन में दृढ संकल्प हो, तो हर सपना साकार हो जाता है। इस बात को चेन्नई की मूल निवासी अपर्णा राजगोपाल ने सच कर दिखाया है। अपर्णा नोएडा में रहती हैं और उन्होंने अपनी पढ़ाई बेंगलुरु के जाने माने नेशनल लॉ स्कूल से की है। लेकिन आज वह वकील नहीं बल्कि एक नेचर लवर हैं, जिसने बीजोम नाम के एनिमल सेंचुरी और सस्टेनेबल एग्रीकल्चरल फार्म की 2014 में स्थापना की। अपर्णा ने इसे महज इत्तेफाक से शुरू किया था।
कैसे बना बीजोम?
बीजोम की कहानी तब शुरु हुई, जब वह एक घोड़े को रखने के लिए, साल 2014 में, ज़मीन ढ़ूंढने नोएडा आई। दस एकड़ की ज़मीन लीज़ पर लेने के बाद, वह जामुन के पेड़ के नीचे चारपाई पर बैठकर मसानोबु फुकुओका की वन स्ट्रॉ रेवोल्युशन किताब पढ़ रही थीं। किताब खत्म होने के बाद जब उन्होंने ज़मीन की तरफ देखा, तो उन्हें मिट्टी से प्यार हो गया और पिछले साढ़े चार सालों में वह इससे पूरी तरह से जुड़ गई हैं।
बंजर ज़मीन को उपजाऊ बनाया
शुरुआत में ज़मीन सूखी और खेती के लिए ठीक नहीं थी। कुछ स्थानीय किसान वहां कुछ फसलें उगाते थे, लेकिन वे सूखी मिटटी और रेगुलर उपज न होने से परेशान थे। इस बात का हल अपर्णा ने ‘गोबर’ से निकाला और बैल, घोड़े, दो सूअर, बकरियों, गीज़ और रूस्टर्स सहित लगभग 106 जानवरों का गोबर इकट्ठा करके गूगल की मदद से फर्टिलाइज़र बनाया। साथ ही उन्होंने नीम के पत्ते को गाय के यूरीन के साथ मिलाकर भी फर्टिलाइज़र तैयार किया। आज उनके फार्म में गेहूं, तूर दाल और स्विज़ चार्ड, काले जैसी सब्ज़ियां और मांगा इंजी जैसे साउथ इंडियन प्लांट उगाए जाते हैं। इस तरह से यूपी के बाढ़ से खराब हो चुके मैदान को फिर से उपजाऊ बनाया गया।
पारंपरिक तरीके से की खेती
अपर्णा की माने तो वह प्राकृतिक तरीके से खेती करती हैं। उनके फार्म पर मल्टी क्रॉपिंग, कंपैनियन प्लांटिग और क्रॉप रोटेशन प्रणालियों का इस्तेमाल किया जाता है। वह नाइट्रोजन-फिक्सिंग तकनीकों का भी उपयोग करके खाद बनाती हैं। इसके अलावा उनके फार्म पर केंचुओं, तितलियों, और मधुमक्खियों के साथ अन्य नस्लों के जानवरों के घर भी हैं। फार्म पर नौ नस्लों की गाय भी हैं।
अपर्णा के इस सपने के ज़रिए फार्म से ज़ुड़े सभी किसानों और दूसरे लोगों का जीवन बेहतर हुआ है। बीजोम शिक्षा, बीजोम आरोग्य और बीजोम समुदाय के ज़रिये अपर्णा ने उनके साथ ज़ुड़े सभी लोगों और उनके परिवारों के लिये मूलभूत सुविधायें जैसे एजुकेशन, हेल्थकेयर और अन्य कई सेवाएं उप्लब्ध करवाई हैं।
इमेज: फेसबुक
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