वर्तमान समय की डिमांडिंग जॉब और बढ़ते कॉम्पीटिशन ने हर कर्मचारी का स्ट्रैस बहुत बढ़ा दिया है। वर्क स्ट्रैस का असर न सिर्फ व्यक्ति के शरीर और दिमाग पर हो रहा है, बल्कि इससे कंपनी की प्रोडक्टिविटी भी प्रभावित होती है।
लक्षण
आजकल ज़्यादातर इंसान नौकरी से जुड़े तनाव का शिकार हो रहा है। ऐसे में यह जानना ज़रूरी है कि कहीं आप भी तो इसके शिकार नहीं। यदि नीचे लक्षण दिखे, तो समझ जाइये कि आप भी नौकरी से जुड़े स्ट्रैस के शिकार हैं।
– थकान
– मांसपेशियों में तनाव
– सिरदर्द
– घबराहट होना
– नींद न आना
– एंग्ज़ाइटी
– चिड़चिड़ापन
– उदास होना
– किसी काम पर ध्यान केंद्रित नहीं कर पाना
– मूड स्विंग होना
– काम में मन नहीं लगना आदि
स्ट्रैस का कारण
काम से जुड़ा तनाव निम्न कारणों से हो सकता है।
– बहुत देर तक काम करना
– काम का ज़्यादा दबाव
– डेडलाइन का प्रेशर
– नौकरी को लेकर असुरक्षा की भावना
– काम में सीनियर्स की बहुत ज़्यादा दखलअंदाज़ी
– कम वेतन
– क्षमता से अधिक काम
– बॉस के साथ अच्छे रिश्ते न होना आदि।
ऐसे निकलें बाहर
नौकरी से जुड़े तनाव को दूर करने के लिए व्यक्ति को खुद ही अपनी मदद करनी होगी। इसके लिए नीचे दी गई बातों का ध्यान रखें।
– उन तरीकों के बारे में सोचे, जिससे ऑफिस में अपना तनाव घटा सकते हैं।
– अपनी समस्या के बारे में बॉस या एचआर डिपार्टमेंट को बतायें।
– काम का सही शेड्यूल बनाये। मुश्किल काम को सुबह जल्दी करें क्योंकि तब मूड फ्रेश होता है।
– तनाव कम करने के लिए हेल्दी रहना ज़रूरी है, इसलिए सही डाइट के साथ ही रोज़ाना वर्कआउट भी करें।
– मानसिक शांति के लिए नियमित रूप से योग और मेडिटेशन करें।
– हर हफ्ते में कुछ घंटे अपने लिए निकालें, जिसमें सिर्फ अपनी पसंद का कोई काम करें।
– परिवार के किसी सदस्य या दोस्त के साथ अपनी समस्या डिस्कस करें और उनसे सलाह लें।
– इसके बाद भी बात न बनें, तो साइकोलॉजिस्ट से सलाह लेना ज़रूरी है।
कर्मचारी तनावमुक्त होकर आराम से काम कर सकें, इस बात का ध्यान रखना कंपनी की भी ज़िम्मेदारी है क्योंकि जब कर्मचारी खुश होगा तभी वह कंपनी को अपना सौ फीसदी दे पायेगा और पूरी ईमानदारी और लगन से काम करेगा। कर्मचारियों की आर्थिक ज़रूरतों का ध्यान रखने के साथ ही उनके काम का माहौल भी पॉज़िटिव होना चाहिये।
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