हमारा देश सिर्फ धर्म, संस्कृति, भाषा, त्योहार और वेशभूषा में ही विविधता नहीं रखता, बल्कि कपड़े बनाने के लिए इस्तेमाल होने वाले फैब्रिक और हस्तकला में भी ढ़ेरों विविधतायें हैं। कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक हैंडलूम की ढ़ेरों वैरायटी हैं।
आइये जानते है, देश के विभिन्न हैंडलूम के बारे में-
कलमकारी
आंध्र प्रदेश की मशहूर हस्तकला है, जिसमें प्राकृतिक रंगों से अलग-अलग तरह की आकृतियां कपड़ों पर उकेरी जाती है। कलमकारी शब्द का मतलब है, कलम से की गई कारीगरी। यह हस्तकला आंध्र प्रदेश के श्रीकलाहसति और मछलिपुरम में होती है। श्रीकलाहस्ति में कलमकारी हाथों से होती है, जबकि मछलीपुरम ब्लॉक या ठप्पों की मदद से कलमकारी की जाती है।
मुगा सिल्क
इस खास सिल्क का उत्पादन असम में होता है और मुगा सिल्क की साड़ियां महिलाओं के बीच बहुत पॉप्युलर है। इस सिल्क की खासियत यह है कि इसे घर पर भी धोया जा सकता है। सिल्क का रंग हल्का कुदरती पीला होता है, इसलिए इसे गोल्डन फाइबर भी कहा जाता है। मुगा सिल्क का इस्तेमाल असमी महिलाओं की पारंपरिक वेशभूषा बनाने के लिए किया जाता है।
भागलपुरी सिल्क
बिहार की सिल्क सिटी भागलपुरी में तैयार टसर सिल्क की साड़ियां पूरे देश में मशहूर है। टसर काकून से बने रंग-बिरंगे धागों से भागलुपरी सिल्क की साड़ियां तैयार की जाती हैं। रंग और डिज़ाइन में वैरायटी होने की वजह से ही यह साड़ियां महिलाओं को बहुत पसंद आती है।
बांधनी
यह गुजरात की मशहूर हस्तकला है। बांधनी के दुपट्टे और साड़ियां आज भी ट्रेंड में है। इसमें सूती या सिल्क के कपड़ों में धागे से अलग-अलग गांठे बनाई जाती है और फिर कपड़े को रंग में डुबो दिया जाता है। बाद में धागा खोलने पर बंधा हुआ हिस्सा प्लेन ही रहता है और बाकी हिस्से में खूबसूरत डिज़ाइन बन जाता है। बांधनी राजस्थान और गुजरात की हस्तकला है।
चंदेरी
चंदेरी का इतिहास बहुत पुराना है। पौराणिक कथाओं के अनुसार श्रीकृष्ण के समय में पहली बार इसका इस्तेमाल हुआ था। मध्यप्रदेश की मशहूर चंदेरी साड़ियां प्योर सिल्क, कॉटन और सिल्क व कॉटन के मिश्रण से तैयार की जाती है। हल्का और महीन होने के कारण यह गर्मी के मौसम में भी पहनी जा सकती है।
फुलकारी
यह पंजाब की मशहूर कला है। इसमें दुपट्टे पर हाथ से खास तरह की एंब्रॉयडरी की जाती है। फ्लोरल मोटिफ बनाये जाने को फुलकारी कहते हैं। फुलकारी के दुपट्टे हमेशा ट्रेंड में रहते हैं और पारंपरिक ड्रेस पसंद करने वाली महिलाओं के बीच यह बहुत लोकप्रिय है।
इनके अलावा भी हमारे देश में हैंडलूम और फैब्रिक की अनगिनत वैरायटी मौजूद है, यानी भारत सिर्फ परंपरा और संस्कृति में ही नहीं हस्तकला में भी समृद्ध है।
इमेज: क्राफ्ट्सविला
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