बिहार के कटिहार जिला के एडवोकेट माता रेनू तिवारी और इंजीनियर पिता एसएन तिवारी की बेटी शिल्पी गर्गमुख ने देश की टेरिटोरियल आर्मी की पहली महिला अफसर होने का इतिहास रचा है।
भाइयों से प्रेरित होकर सेना में आई
कहावत है कि अगर प्रेरणा सही मिले, तो हौसलों को पंख लग जाते हैं। शिल्पी हमेशा सोचती थी कि काश, वह भी सशस्त्र सेना बल में कार्यरत अपने दोनों भाइयों की तरह देश की सेवा करे। दरअसल, उन्हें ओलिव-ग्रीन रंग की वर्दी, बैज पर लिखा नाम और कंधों पर सजे सितारे हमेशा अपनी ओर आकर्षित करते थे। ऐसे में वह भी अपने सपने को साकार करने की दिशा में गंभीरता से सोचने लगी और यही वजह हैं कि वह अब एक लड़ाकू सैनिक के रूप में देश की सेवा कर रही हैं और टेरिटोरियल आर्मी में पहली महिला अफसर बन कर बेहद खुश हैं।
सरकार की योजना से मिला हौसला
सोने पर सुहागा यह कि महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए साल 2016 में केंद्र सरकार ने दिल्ली हाईकोर्ट से टेरिटोरियल आर्मी के रेलवे इंजीनियरिंग रेजिमेंट में महिलाओं को शामिल करने की सलाह दी थी। केंद्र सरकार ने महिलाओं को इस फील्ड में जोड़ने के साथ-साथ उनके लिए मानद कमीशन देने की भी बात की थी। सरकार का यह निर्णय सेना की वर्दी पहनने की इच्छुक शिल्पी के फेवर में गया। बता दें कि अक्टूबर 2016 को ओएनजीसी के अध्यक्ष डीके सराफ और मेजर जनरल संजय सोई ने एक पाइपिंग समारोह में लेफ्टिनेंट शिल्पी गर्गमुख को टेरिटोरियल आर्मी की पहली महिला अधिकारी के रूप में शामिल किया था।
क्या है टेरिटोरियल आर्मी
टेरिटोरियल आर्मी भी रेगुलर मिलिट्री फोर्स का ही हिस्सा है। टेरिटोरियल आर्मी की वेबसाइट के मुताबिक, ‘टेरिटोरियल आर्मी भारतीय रक्षा सेना का एक पार्ट तथा देश की सेवा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसके तहत स्वयंसेवकों को हर साल कुछ दिनों की मिलिट्री ट्रेनिंग दी जाती हैं, ताकि भविष्य में कभी जरूरत पड़ने पर देश की रक्षा के लिए उनकी सेवाओं का उपयोग
किया जा सके।’ बता दें कि शिल्पी देश की पहली ऐसी महिला भी हैं, जिन्होंने ओएनजीसी के इतिहास में पहली बार हेडक्वार्टर में हर वर्ष आयोजित होने वाली गणतंत्र दिवस की परेड को वर्ष 2016 में कमांड किया है।
शिल्पी के बाद सुप्रिया ने भी रचा इतिहास
ओएनजीसी में बतौर इंजीनियर काम कर रही शिल्पी दो साल पहले टेरीटोरियल आर्मी डे के मौके पर 9 अक्टूबर, 2016 को तत्कालीन प्रेसिडेंट प्रणब मुखर्जी ने सम्मानित भी किया था। हालांकि, वर्तमान में शिल्पी गर्गमुख के बाद राजस्थान की सुप्रिया चौधरी भी टेरिटोरियल आर्मी में शामिल होने वाली दूसरी महिला बन चुकी हैं।
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