हर इंसान अपने जीवन में सफलता चाहता है। वह चाहे किसी भी फील्ड में काम कर रहा हो, अगर वह कामयाब नहीं है, तो उसकी ग्रोथ रुक जाती है। लेकिन, सफलता यूं ही आपके जीवन में नहीं आ जाती है, बल्कि इसके लिए एक खास तरह के एफर्ट की जरूरत होती है। लेकिन, अगर आप अपनी असफलताओं के प्रति भी पॉज़िटिव एटीट्यूड रखते हैं, अपने माइंडसेट को जीत की ओर लगाए रखते हैं, फेल्योर से भी कुछ सीखना चाहते हैं, तो समय भले ही थोड़ा ज्यादा लग जाए, सक्सेस आपके पास जरूर आएगी। यानी, आप ज़िंदगी में सक्सेस तभी हासिल कर सकते हैं, जब आप उसे पाने के प्रति अपनी सोच और एटीट्यूड को पॉज़िटिव रखेंगे।
सक्सेस का शॉर्टकट फॉर्मूला नहीं
जीवन में सक्सेस पाने का कोई शॉर्टकट फॉर्मूला नहीं होता। इसके लिए लॉन्ग टर्म कोशिश करनी पड़ती है। ईमानदारी के साथ मेहनत की जरूरत होती है। यानी, कोई इंसान तभी सफल हो पाता है, जब इसके प्रति वह गंभीरता से सोचता है, उसे पाने के लिए हरसंभव एफर्ट करने से पीछे नहीं हटता है। हालांकि, इंसान के जीवन में मुश्किलों को साथ चैलेंजेज़ आते ही रहते हैं, लेकिन इससे डर कर पीछे हट जाना सक्सेस की राह का सबसे बड़ा कांटा है। अगर आप पॉज़िटिव सोच के साथ चैलेंजेज़ को एक्सेप्ट करके पूरी हिम्मत से उसका सामना करेंगे, तो आपकी सक्सेस निश्चित है।
चैलेंज देते हैं जीवन में एक्साइटमेंट
माना जाता है कि जीवन में अगर चैलेंज न हों, तो जीवन में एक्साइटमेंट नहीं होगा। चैलेंज ही आपके इंटरनल स्ट्रेंग्थ का पैरामीटर तय करते हैं। इसी वजह से चैलेंज मिलने पर इंसान स्पेशल एफर्ट के साथ परफॉर्म करता है। चैलेंज के दौरान इंटरनल स्ट्रेंग्थ एवं पर्सनल कैपेसिटी सेंट्रलाईज्ड होकर सक्सेस दिलाती है। लेकिन, यह तभी संभव है, जब आपकी सोच पॉज़िटिव हो।
पॉज़िटिव थिंकिंग भी है एक आर्ट
अपने अंदर पॉज़िटिव थिंकिंग रखना भी एक आर्ट है, जिसे लगातार कोशिशों से हासिल किया जाता है। लेकिन, अगर आप अपने अंदर पॉज़िटिव थिंकिंग और एटीट्यूड ले आते हैं, तो फिर आपके लिए सक्सेस को पाना बिल्कुल मुश्किल नहीं होगा। हालांकि, पॉज़िटिव सोच तभी आती है, जब आपका बिहेवियर एवं आपकी जुबान भी इसका साथ दे। साथ ही ये दोनों विशेषताएं आपके अंदर के ऑरा को भी स्ट्रेंग्थ देते हैं और उसे एनर्जेटिक बनाते हैं। इसलिए चैलेंजेंज एवं प्रॉब्ल्म्स चाहे कितनी भी आएं, पॉज़िटिव थिंकिंग कभी न छोड़ें और नेगेटिविटी को खुद से दूर रखें। जिस तरह अंधेरे से बाहर निकलने के लिए लाइट की जरूरत होती है, उसी तरह नेगेटिव सोच से बाहर निकलने के लिए पॉज़िटिव सोच की जरूरत होती है। अतः हम-आप अपने मन में जितनी ज्यादा इन पॉज़िटिव गुणों को जगह देंगे, सक्सेस के उतने ही करीब आते जाएंगे।
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