आजकल जब भी खेती की बात होती है, तो फसल को बचाए रखने के लिए केमिकल्स का सहारा लेना आम बात हो गई है लेकिन भारत में सिक्कम ऐसा राज्य है, जो सिर्फ ऑर्गेनिक खेती करता है। इस क्षेत्र में यह राज्य देश का ही नहीं बल्कि दुनिया का भी पहला राज्य बन चुका है। सिक्किम को हाल ही में संयुक्त राष्ट्र ने फ्यूचर पॉलिसी अवार्ड से सम्मानित किया है। सिक्किम के बाद दूसरे स्थान पर ब्राजील, डेनमार्क और इक्वाडोर रहे हैं।
क्या रही वजह?
फूड एंड एग्रीकल्चर ऑर्गेनाजेशन के रोम हेडक्वार्टर में सिक्किम को कृषि विज्ञान और खाद्य प्रणालियों पर उनकी नीतियों के लिए इस पुरस्कार से नवाजा गया है। इस अवार्ड के लिए 25 देशों से कुल 51 नामांकन भरे गए थे।
संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक सिक्किम को शत प्रतिशत आर्गेनिक राज्य का दर्जा इसलिए प्राप्त हुआ कि उसकी नीतियां किसानों के अनुकूल थी। इन नीतियों की वजह से सिक्किम के 66 हजार से अधिक किसानों को तो फायदा मिला ही, साथ ही पर्यटन को भी बढ़ावा मिला है और अन्य देशों के लिए उदहारण भी प्रस्तुत किया है।
कैसे लक्ष्य हासिल किया?
यह सिक्किम के किसानों की मेहनत का नतीजा है कि आज राज्य केमिकल्स के इस्तेमाल के मुक्त हो चुका है। सबसे पहले रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों के उपयोग पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया। फिर राज्य में इनकी खरीद और ब्रिकी पर लोग लगाई गई। इसका नतीजा यह निकला कि सिक्किम ने साल 2014 और साल 2017 के बीच सिर्फ एग्रो इकोलॉजी को बढ़ावा देकर 50 प्रतिशत की वृद्धि की। राज्य ने रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों के प्रयोग को खत्म कर उसकी जगह कार्बनिक उर्वरकों का चुनाव किया। खास बात यह कि सिक्किम को आर्गेनिक खेती की सबसे बेहतर नीतियों और विकास लक्ष्यों को हासिल करने के सशक्त प्रयासों के चलते “ऑस्कर” पुरस्कार से भी नवाजा जा चुका है। इस तरह का गोल्ड पुरस्कार उसी राज्य को दिया जाता है, जो बेहतर ढंग से एग्रीकल्चर के लिए काम करते हैं।
प्रधानमंत्री भी करे चुके है तारीफ
साल 2016 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सिक्किम को देश का पहला ऑर्गेनिक राज्य घोषित किया। उन्होंने राज्य को न केवल भारत में बल्कि दुनियाभर में जैविक खेती का अग्रदूत भी कहा। यह सब वहां के किसानों के दूरदर्शिता और इच्छाशक्ति का परिणाम है जिसकी बदौलत यह संभव हो पाया।
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