मुंबई की 23 साल की आरोही पंडित दुनिया की पहली ऐसी महिला पायलट बन गई हैं, जिन्होंने हल्के स्पोर्ट एयरक्राफ्ट से अटलांटिक महासागर के ऊपर लंबी उड़ान भरी है। उन्होंने कई बुरे से बुरे मौसम में ग्रीनलैंड आइसकैप के ऊपर उड़ान भरने वाली पहली महिला सोलो फ्लाइट पायलट बनने का मुकाम हासिल कर लिया।
कड़ी मेहनत और ट्रेनिंग
आरोही पंडित ने बॉम्बे फ्लाइंग क्लब से ट्रेनिंग ली है। इसके बाद उन्होंने अपने लक्ष्य को पाने के लिये भारत, ग्रीनलैंड, साइबेरिया और इटली में सात महीने की कठिन ट्रेनिंग पूरी की। ट्रेनिंग लेने के बाद उन्होंने स्कॉटलैंड के विक से कनाडा के इकालुइट तक की उड़ान भरी। इस उड़ान में आरोही ने आइसलैंड और ग्रीनलैंड का भी दौरा किया। इस पूरी यात्रा की खास बात यह रही कि पूरे अटलांटिक महासागर को कवर करते समय वह अकेले एयरक्राफ्ट को उड़ा रही थी।
छोटी और हल्की ‘माही‘
आरोही ने जिस एयरक्राफ्ट से उड़ान भरी उसका नाम ‘माही’ है। यह एक छोटी सिंगल इंजन साइनस 912 वाली एयरक्राफ्ट है। इसका वज़न लगभग 300 से 400 किलोग्राम से भी कम है। ‘माही’ एयरक्राफ्ट को पिपिस्ट्रल स्लोवेनिया ने बनाया है। यह भारतीय नागर विमानन महानिदेशालय की ओर से पंजीकृत पहला लाइट स्पोर्ट्स एयरक्राफ्ट है।
बेस्ट फ्रेड के साथ हवाई सफर
आरोही और उनकी बेस्ट फ्रेंड कीथर मिसक्विटा ने हवाई सफर साथ में शुरु किया था। आरोही पंडित और मिसक्विटा पंजाब, राजस्थान, गुजरात से होते हुए पाकिस्तान पहुंचे। पड़ोसी देश में सिविलियन एलएसए भी 1947 के बाद पहली बार लैंड कराया गया है। इसके बाद यह दोनों महिलायें ईरान, टर्की, सर्बिया, स्लोवेनिया, जर्मनी, फ्रांस और ब्रिटेन पहुंची। इन दोनों के लिए हवाई सफर यादगार रहा।
नीला आसमान और गहरा समंदर
आरोही की अटलांटिक महासागर के ऊपर से जाना बेहद शानदार अनुभव रहा। नीला आसमान और नीचे समंदर के बीच में आरोही और उनका छोटा सा प्लेन। इसमें सबसे खास बात यह थी कि वह अकेले बिना किसी डर के बिंदास एक नई कामयाबी का जश्न मना रही थी। कनाडा हवाई अड्डे पर पहुंचने के बाद आरोही ने तिरंगा झंडा फहराया, जो कनाडा में भारत के राजदूत विकास स्वरूप ने उन्हें सौंपा था। ऐसी कई महिलायें रही है, जिन्होंने देश का नाम रोशन किया है।
इमेज :ट्विटर
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