स्वच्छता ही साधना है

स्वच्छता ही साधना है

FacebookTwitterLinkedInCopy Link

अक्सर जब आप किसी को मिलने जाते हैं, तो अच्छे कपड़े पहन कर जाते हैं। आपकी हमेशा कोशिश रहती है कि आप अच्छे दिखें। आमतौर पर ऐसा भी बहुत होता है कि जब कोई मेहमान आने वाला होता हैं, तो आप घर और अपने आसपास साफ सफाई का खास ध्यान रखते हैं। आपने कभी सोचा है कि ऐसा क्यों होता है? इसका जवाब है कि सुंदरता हर किसी को आकर्षित करती है और सुंदरता वहीं बसती है, जहां सफाई हो, फिर चाहे वो इंसान हो, आसपास की जगह या फिर आपका अंतर मन।

महात्मा गांधी स्वच्छता को बहुत महत्व देते थे। उन्होंने एक बार कहा था कि साफ सफाई और स्वच्छता राजनीतिक आज़ादी से कहीं अधिक महत्वपूर्ण है।

बाहरी स्वच्छता

राष्ट्रपिता को श्रद्धांजलि देने के लिए भारत सरकार ने दो अक्टूबर, 2014 से स्वच्छ भारत अभियान शुरु किया था, जिसका लक्ष्य बापू के 150 वें जन्मदिवस यानि कि दो अक्टूबर, 2019 से पहले भारत को एक स्वच्छ देश बनाना है। इस अभियान ने पूरे देश पर बहुत गहरा प्रभाव छोड़ा है। अब लोग सफाई को एक अहम मुद्दा समझकर ना सिर्फ उसके बारे में जनसभाओं और सेमिनारों में बात कर रहे हैं बल्कि अपने आसपास की सफाई के लिए ज़रूरी कदम भी उठा रहे हैं। गांव-देहात में टॉयलेट बनाए जा रहे हैं, जिससे हर इंसान को खुद की स्वच्छता के साथ आसपास की सफाई की अहमियत समझ आए। खुले में शौच करने से नदी नहरे दूषित होती हैं, जिनका पानी खेती में इस्तेमाल होता है और खान-पान भी दूषित होता है। इसलिए यह कदम देश को संपूर्ण स्वच्छता की ओर ले जाने में मदद कर रहा है। इसी दिशा में राष्ट्रीय नदी गंगा की सफाई का भी अभियान शुरु किया गया है, क्योंकि गंगा एक बड़ी आबादी को प्रभावित करती है और इसकी सफाई से लोगों के जीवन में बेहतर बदलाव आ सकते हैं।

गांधी जी के लिए सिर्फ बाहरी स्वच्छता का ही महत्व नहीं था बल्कि भीतरी यानि कि मन की स्वच्छता भी मुख्य रूप से महत्वपूर्ण थी।

भीतर की स्वच्छता

स्वस्थ शरीर एक स्वस्थ मन को जन्म देता है और स्वस्थ मन आपको ईश्वर के करीब ले जाता है, जिससे आप खुद को हर बोझ से मुक्त महसूस करते हैं। सबकी ज़िंदगी इतनी तेज़ रफ्तार से दौड़ रही है कि हर किसी की आत्मा क्रोध, लगाव, लालच और अहंकार के बोझ तले दब रही है। यह भावनाएं आपके मन को बहुत नुकसान पहुंचाती हैं, इतना नुकसान की धीरे-धीरे आपको लोगों और आसपास की अच्छाई धुंधली दिखने लगती हैं। इन सबसे दूर रहने का तरीका है, ईश्वर में मन लगाना। इसका यह मतलब नहीं कि आप किसी पवित्र स्थान पर बैठकर सिर्फ पूजा-अर्चना करें बल्कि ईश्वर की बनाई सृष्टि और उसमें रह रहे जीवों की सच्चे मन से सेवा करें।

गांधी जी ने कहा था कि वो किसी को भी गंदे पांव के साथ अपने मन से नहीं गुजरने देते। आप भी संकल्प लीजिए कि ना आप किसी के मन को मैला करेंगे और ना ही बुराई की ओर आकर्षित होंगे। अपने मन के साथ साथ अपनी और आस-पास की स्वच्छता का ध्यान रखेंगे।

और भी पढ़े: महात्मा गांधी की कुछ अनसुनी दिलचस्प बातें

Your best version of YOU is just a click away.

Download now!

Scan and download the app

Get To Know Our Masters

Let industry experts and world-renowned masters guide you towards a meditation and yoga practice that will change your life.

Begin your Journey with ThinkRight

  • Learn From Masters

  • Sound Library

  • Journal

  • Courses

ThinkRight empowers you with calming tools, techniques, and affirmations that compel you to begin your day with a mindful mindset. The right thought flows into the right action and behaviour, changing your perspective towards life.   

call-btn

Have a question?

+91 808080 9339
msg-btn

Contact us at

support@thinkright.me

Download The App

Connect with us

+91 808080 9339

Write to us at

Congratulations!
You are one step closer to a happy workplace.
We will be in touch shortly.