‘तुम औरत हो तो यह काम कैसे करोगी, तुम्हें तो घर के हिसाब से चलना होगा, तुम कमज़ोर हो, तुम मर्दों की तरह काम नहीं कर सकती, तुम्हें अपने चेहरे पर ध्यान देना होगा’….
ऐसी ही और न जाने कितनी ही नसीहतें सदियों से महिलाओं को दी जाती रही है, लेकिन अब महिलाएं अपनी इस स्टीरियोटाइप छवि को तोड़कर बहुत आगे निकल चुकी हैं। वह समंदर में गोते लगाने से लेकर आसमान की ऊंचाइयां छू रही हैं।
सांवली महिलाएं सुंदर नहीं होती
हमारे समाज में सुंदरता को हमेशा से रंग से जोड़ा जाता रहा है। कुछ खास क्षेत्रों जैसे ग्लैमर की दुनिया में पहचान बनाने के लिए गोरे रंग को सबसे अहम माना जाता रहा है, लेकिन कुछ समय से रंग का यह भेदभाव कम होता दिख रहा है या यूं कहें कि सांवली महिलाएं भी अपनी मेहनत और काबिलियत के बल पर रंग के इस स्टीरियोटाइप को तोड़ने में कामयाब रही हैं। बॉलीवुड में चित्रांगदा सेन से लेकर बिपाशा बसु और दीपिका पादुकोण तक सांवले रंग के बावजूद सफल रहीं। इसी तरह मॉडलिंग की दुनिया में भी कई लड़कियों ने गहरे रंग के बावजूद अपनी पहचान बनाई जिसमें निधि सुनील से लेकर रेनी कुजुर तक का नाम शामिल है।
महिलाएं कमज़ोर होती है
महिलाओं को अक्सर नाजुक और कमज़ोर दिल वाली समझा जाता है, लेकिन हज़ारों बार महिलाओं ने खुद से जुड़े इस भ्रम को तोड़ा है। इस स्टीरियोटाइप छवि को तोड़ने का एक और कारनामा महिला पायलटों ने हाल में किया। साल की शुरूआत में एयर इंडिया की महिला पायलटों की एक टीम ने दुनिया के सबसे लंबे हवाई मार्ग नॉर्थ पॉल पर उड़ान भरकर इतिहास रच दिया है। 16 हजार किलोमीटर का सफर तय करने वाले इस विमान की कैप्टन थी पायलट जोया अग्रवाल और खास बात यह की विमान में चालक दल के साथ ही क्रू मेंबर भी सिर्फ महिलाएं ही थीं।
महिलाओं का काम है घर देखना
घर में जब बात हिसाब-किताब और आर्थिक मसलों की आती है तो अक्सर बाजी पुरुष ही मार ले जाते हैं यह कहकर कि तुम तो हिसाब में कच्ची हो, मगर महिलाओं ने इस छवि को भी गलत साबित कर दिया है। बिजनेस के क्षेत्र में कई महिलाओं ने सिर्फ सफलता के झंडे गाड़े, बल्कि पूरी दुनिया उन्हें सलाम भी करती हैं। फिर चाहे वह अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की मुख्य अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ हो या नायका (ब्यूटी वेबसाइट) की संस्थापक फाल्गुनी नायर या फिर बायोकोन लिमिटेड की संस्थापक किरण मजूमदार शॉ और ये सूची अंतहीन है।
टीचर, नर्स और बैंकिंग जैसे क्षेत्र है बेहतर
तुम्हें करियर बनाने के साथ ही घर भी संभालना है, तो तुम टीचर या नर्स बन जाओ या फिर बैंकिंग सेक्टर में नौकरी कर लो यही तुम्हारे लिए बेस्ट है। अक्सर महिलाओं को ऐसी ही सलाह दी जाती रही है, क्योंकि कुछ लोगों को शायद उनकी क्षमताओं और काबिलियत का अंदाज़ा नहीं है। मगर महिलाओं ने अपनी स्टीरियोटाइप छवी को तोड़ते हुए डॉक्टरी, इंजीनियरिंग के साथ ही सबसे मुश्किल और पुरुषों के वर्चस्व वाले क्षेत्र भारतीय सेना में भी अपनी पहचान बनाई है। अवनी चतुर्वेदी, मोहना सिंह और भावना कांत सिंह भारतीय वायुसेना में शामिल होने वाली पहली महिला फाइटर पायलट हैं। सेना की तीनी टुकड़ियों में महिलाओं ने अपनी जगह बनाई है।
अपने आसपास भी आपको ऐसी बहुत सी महिलाएं मिल जाएंगी जो लीक से हटकर और समाज की दकियानूसी सोच को दरकिनार करके लगातार ज़िंदगी में आगे बढ़ रही हैं।
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