डॉ. प्रभुलिंगास्वामी संगनालमथ 13 नवंबर को एक आम नागरिक की तरह पैरिस से बेंगलुरु का सफर कर रहे थे। उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि इस यात्रा के बाद वह साधारण नहीं रहेंगे, बल्कि लोगों के हीरो बन जाएंगे। यात्रा के दौरान कुछ ऐसा हुआ कि आज हर जगह सिर्फ डॉ. प्रभुलिंगास्वामी के ही चर्चे है।
कौन हैं डॉ. प्रभुलिंगास्वामी?
डॉ. प्रभुलिंगास्वामी 69 साल के मैसूर के कुवेंपुनगर के निवासी हैं। डॉ. प्रभूलिंगास्वामी एक रिटायर्ड सरकारी डॉक्टर हैं और फिलहाल वह निजी तौर पर प्रैक्टिस करते है।
कैसे मशहूर हुए डॉ. प्रभुलिंगास्वामी?
दरअसल डॉ. प्रभुलिंगास्वामी 13 नवंबर को जब पैरिस से भारत आ रहे थे, तब रास्ते में सफर के दौरान उन्होंने एक वृद्ध व्यक्ति की जान बचाई। इस नेक काम के लिए उन्हें एयरलाइंस और पेशेंट के प्रियजनों ने आभार व्यक्त किया। हालांकि एयरलाइंस ने उन्हें सौ यूरोस का गिफ्ट वाउचर भी दिया, लेकिन डॉ. प्रभुलिंगास्वामी की माने, तो किसी भी व्यक्ति की जान बचाना उनका फर्ज़ है।
कैसे बचाई जान?
यात्रा के दौरान एक वृद्ध यूरोपियन नागरिक अचानक से बेहोश होकर गिर गया। वह बिल्कुल भी हिलडुल नहीं रहा था। जैसे ही केबिन क्रू ने मदद की गुहार लगाई, तुरंत ही प्लेन में मौजूद डॉ. प्रभुलिंगास्वामी और एक नर्स ने उस पेशंट को मेडिकल अस्सिटेंस देनी शुरु कर दी। फ्लाइट में मौजूद आपातकालीन हेल्थ किट और ऑक्सीजन के साथ-साथ कार्डिएक मसाज की मदद से पेशेंट को होश मे लाया जा सका। कुछ घंटे बाद पेशेंट कुछ बोलने की स्थिति में पहुंच गया और उसने जूस भी पिया। पूरे सफर के दौरान डॉ. प्रभुलिंगास्वामी ने रोगी को ऑबज़र्वेशन में रखा। बेंगलूरु पहुंचते ही उसे आगे की जांच के लिए एयरपोर्ट क्लिनिक ले जाया गया।
बेंगलुरु पहुंचते ही फ्लाइट के कैप्टन और केबिन क्रू ने डॉक्टर को थैंक्स कहा लेकिन डॉ. प्रभुलिंगास्वामी के अनुसार, तो यह उनका कर्तव्य था। डॉक्टर की इस नेकदिली को देखकर तो यही कहा जा सकता है कि अगर हर व्यक्ति किसी की जान बचाने के लिए इतना प्रयासरत रहे, तो यह दुनिया एक खूबसूरत सपने की तरह बन जाएगी।
इमेज: डीवीआईडीएस
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