भारत ही नहीं, पूरी दुनिया के लिए भूख एक गंभीर समस्या है। दुनिया के अमीर और विकसित देश भी इस समस्या से पीड़ित है। विश्व की बहुत बड़ी आबादी खाली पेट सोने के लिए मजबूर है। लेकिन कुछ ऐसे लोग भी हैं, जो अपने प्रयासों से भूखे लोगों के चेहरों पर हंसी ला रहे हैं।
भूखों को भोजन कराता है सिख कपल
अमेरिका के सैन डिएगो के ओशनसाइड शहर का एक सिख कपल कुछ ऐसा ही नेक काम कर रहा है। साल 2015 में सैन डिएगो में आकर बसने वाले बिज़नेसमैन दविंदर सिंह और उनकी एकाउंटेंट पत्नी हरिसिमरन कौर खालसा ने भारत की रॉबिनहुड आर्मी की तर्ज पर यह काम शुरू किया। उन्होंने शुरूआत में अपने घर के पास वाले बालडर्मा पार्क में भूखे लोगों को मुफ्त में भोजन कराना शुरू किया। हालांकि पहले उन्हें कई तकलीफे हुई लेकिन घबराने के बजाय उन्होंने अपने प्रयास को और तेज कर दिया। अब तो वह फंडराइजर और इवेंट ऑर्गेनाइज करके ज्यादा पैसा जुटाकर ट्रेलर खरीदने का विचार कर रहे हैं, ताकि पूरे काउंटी में जरूरतमंदों को भोजन करा सकें।
फाउंडेशन बनाकर देते हैं राहत
जरूरतमंदों को भोजन कराने के लिए इस कपल ने ‘दुवारा चेतना’ फाउंडेशन बनाया है, जिसका संस्कृत में अर्थ होता है ‘चेतना का द्वार’। फाउंडेशन का मकसद भूखों को राहत प्रदान करने के साथ सामाजिक समानता को बढ़ावा देना है। कपल का यह फाउंडेशन पूरी तरह से सिख धर्म के नियमों का पालन करता है, जो सबकी मदद करना सिखाता है। तभी तो आज इन्हें अलग-अलग धर्मों के कई सहयोगियों का समर्थन हासिल है, जो ईमानदारी से दूसरों की मदद करने में विश्वास करते हैं।

गरीबों का पेट भरना एकमात्र मकसद
चाहे रॉबिनहुड आर्मी की पहल हो या सैन डिएगो के इस कपल की कोशिश, इनका एकमात्र मकसद गरीबों का पेट भरना है। दरअसल, यह प्रयास ‘री-फूड प्रोग्राम’ पर आधारित है, जिसमें लोगों के बचे हुए खाने को उन जरूरतमंदों तक पहुंचाया जाता है, जो भूखे पेट ही सोने को मजबूर हैं। इससे जहां खाने की बर्बादी नहीं होती, वहीं यह खाना भूखों को मिल रहा है।
आप भी कर सकते हैं ऐसी पहल
अक्सर हमारे घरों में खाना या नाश्ता बच जाता है और कुछ ऐसा ही हाल होटलों का होता है। रोज़ाना खाने को फेंकने की बजाय अगर उसे किसी गरीब को दे दिया जाए, तो उससे किसी की भूख मिट सकती है। आप बस इतना कीजिए कि बचे हुए खाने को किसी चैरिटी तक पहुंचा दीजिए या फिर खुद किसी गरीब को दे दीजिए। इससे घरों-होटलों में रोज़ाना होने वाले अन्न की बर्बादी रुकने के साथ उसका सही उपयोग भी हो जाएगा। अगर आपके सहयोग से जरूरतमंदों का पेट भरेगा, इससे आपको सुकून तो मिलेगा ही, साथ ही बिन मांगे दुआएं भी मिलेंगी।
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इमेजः एमएसएन
 
    
 
															 
					 
					 
                     
                     
                     
                     
                     
                     
                     
                     
                     
                     
                     
                     
                     
                     
                     
                     
                     
                     
                     
                     
                     
                     
                     
                     
									 
									 
									 
									 
													 
 
								