जब इंसान लगन, सपने और दृढ़ संकल्प को अपना साथी बना लेता है, तो वह कभी कोशिश करना कभी नहीं छोड़ता, उनमें कभी न रूकने की चाह होती है। अपने सपनों को पूरा करने के लिए फिर उम्र भी बाधा नहीं बनती। इसलिये सफलता को उम्र की सीमा में न बांधना सही नहीं है, क्योंकि दुनिया में ऐसे बहुत लोग है, जिन्होंने उम्र के अंतिम पड़ाव में भी सफलता हासिल की। कुछ ऐसी ही कहानी है, चंडीगढ़ की रहने वाली 94 साल की हरभजन कौर की।
जीवन में कुछ करने की चाह
हरभजन को एक शिकायत थी कि उन्होंने ज़िंदगी में कुछ नहीं किया है। मां को परेशान जानकर बेटी ने मां से उनकी परेशानी का कारण जाना। हरभजन हमेशा चाहती थी कि वह आत्मनिर्भर बनें और खुद कमाएं। खुद को आत्मनिर्भर बनाना हरभजन का सपना बन गया था और इसी सपने को पूरा करने की शुरूआत हुई चार साल पहले, जब उन्होंने घर से ही बेसन की बर्फी बनाने शुरू किया।
मां के सपनों में दिया साथ
बेटी ने मां की इच्छा पूरी करने के लिए उनका साथ दिया, जिसके बाद हरभजन कौर घर पर बर्फी बनाती और उनकी बेटी उस बर्फी को पास के ऑर्गेनिक बाज़ार में बेचने के लिए ले जाती। धीरे – धीरे लोगों के बीच ये बर्फी काफी मशहूर होने लगी और उनका कारोबार आगे बढ़ने लगा।
सफलता ने दी प्रेरणा
स्वादिष्ट बर्फी की बढ़ती लोकप्रियता ने उनके सपनों को साकार कर दिया। इस सफलता ने हरभजन कौर को हौसला दिया और उन्होंने कदमों को और आगे बढ़ाने की ठानी। आज हरभजन कौर बेसन की बर्फी के साथ ही कई अन्य तरह के लज़ीज़ और स्वादिष्ट चीज़ें बना रही है। वह युवाओं समेत सभी लोगों के लिए प्रेरणा है।
हरभजन की सफलता पर देश के सुप्रसिद्ध उद्योगपति आनंद महिंद्रा ने हाल ही में ट्वीट करते हुए उन्हें एन्टरपंयोर ऑफ द ईयर का खिताब तक दे दिया।
जो लोग यह सोचते हैं कि अब कुछ नया शुरू करने के लिए बहुत देर हो चुकी है, तो उनके लिये यह एक प्रेरणा है। देर हो गया यह सोचकर रूके नहीं, बल्कि कोशिश करते रहें। यही दृढ़ संकल्प और जुनून आपको एक दिन सफलता ज़रूर दिलायेगा।
इमेज : ट्विटर
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