बनी दिव्यांगों का सहारा

बनी दिव्यांगों का सहारा

FacebookTwitterLinkedInCopy Link

अपने लिए तो सब जीते हैं, लेकिन दुनिया में कुछ ऐसे लोग भी हैं, जिन्हें ज़रूरतमंदों की मदद करके सुकून मिलता है। ऐसी ही एक शख्सियत हैं, बैंगलुरु की पुष्पा प्रिया, जो दिव्यांग बच्चों की आंखें और हाथ बनकर उनकी परीक्षा की कॉपियां लिखती हैं।

खुशी से कर रही काम

पुष्पा प्रिया आईटी इंडस्ट्री में नौकरी करती हैं। नौकरी के साथ ही प्रिया शारीरिक रुप से अक्षम बच्चों की परीक्षा में मदद कर रही हैं, उनकी स्क्राइब यानी लिपिक बनकर। जो बच्चे देख नहीं सकते, या मानसिक रूप से विक्षिप्त है, प्रिया उनकी आंखें और हाथ बन जाती हैं और उनकी एग्ज़ाम की कापियां लिखती हैं। प्रिया यह काम अपनी इच्छा से कर रही हैं और उन्हें छात्रों की मदद करके सुकून मिलता है।

बनी दिव्यांगों का सहारा
दिव्यांगों के सपने कर रही है साकार  | इमेज: द लॉजिकल इंडियन

सीखा धैर्य

प्रिया का कहना है ये काम आसान नहीं है क्योंकि परीक्षा से पहले छात्रों को अच्छी तरह पढ़ने के लिए प्रेरित करने के साथ ही, उन्हें प्रश्न समझाना पड़ता है। कुछ लोगों को तो एक ही सवाल बार-बार समझाना होता है, उनकी बातों को ध्यान से सुनना पड़ता है और फिर बहुत धैर्य के साथ सब लिखना होता है। छात्रों के साथ सहज होने में भी थोड़ा वक्त लगता है। अब तक वह 624 छात्रों के लिए लिख चुकी हैं। एक अगस्त को वह अपने 625वें स्टुडेंट के लिए परीक्षा की कॉपी लिखेंगी। प्रिया का मानना है कि इस काम ने उन्हें धैर्य रखना सिखाया है। वह इंजीनियरिंग, लॉ, एमकॉम, बीकॉम, एमएससी, एएसएलसी, पीयू और पोस्टल, बैंकिंग जॉब के लिए एग्ज़ाम के पेपर लिख चुकी हैं।

किताबों की रिकॉर्डिंग

प्रिया न सिर्फ छात्रों के पेपर लिखती हैं, बल्कि उनके लिए किताब की रिकॉर्डिंग भी करती हैं। प्रिया का कहना है कि उन्होंने देखा की बहुत से छात्रों को पढ़ने में भी दिक्कत आती है, इसलिए उन्होंने कई किताबों की रिकॉर्डिंग भी की है ताकि छात्र आसानी से पढ़ सके। पुष्पा को पेपर लिखते समय कई सवालों के जवाब पता होते हैं, लेकिन वह अपनी मर्ज़ी से नहीं लिखती हैं, क्योंकि वह चाहती हैं कि छात्र खुद जवाब बतायें ताकि उनका आत्मविश्वास बढ़े।

दिव्यांगों के हाथ बनकर उनके सपने पूरे करने में मदद कर पुष्पा बहुत नेक काम कर रही हैं। यदि उनकी तरह ही समाज के अन्य लोग भी अपनी क्षमतानुसार दिव्यांगों की मदद करने लगे, तो वह भी आत्मविश्वास के साथ सामान्य जीवन जी सकते हैं।

इमेज: इंडियन एक्सप्रेस

और भी पढ़े: इंकलाब ज़िंदाबाद

अब आप हमारे साथ फेसबुक और इंस्टाग्राम पर भी जुड़िये।

Your best version of YOU is just a click away.

Download now!

Scan and download the app

Get To Know Our Masters

Let industry experts and world-renowned masters guide you towards a meditation and yoga practice that will change your life.

Begin your Journey with ThinkRight.Me

  • Learn From Masters

  • Sound Library

  • Journal

  • Courses

Congratulations!
You are one step closer to a happy workplace.
We will be in touch shortly.