बच्चे में विकसित करें खान-पान की स्वस्थ आदतें

बच्चे में विकसित करें खान-पान की स्वस्थ आदतें

बच्चों में खान-पान की स्वस्थ आदतें विकसित करने का यही है सही समय
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पिछले एक साल से भी ज़्यादा समय से इम्यूनिटी बूस्टिंग खाद्य पदार्थों की इतनी चर्चा हो रही है कि अब तो शायद छोटे बच्चों को भी इसके बारे में समझ आ गया होगा। आप भी अपने परिवार और बच्चे को हमेशा कुछ हेल्दी खिलाने की सोचती रहती हैं, लेकिन समय की कमी के कारण ऐसा नहीं कर पा रहीं, तो अब भी देर नहीं हुई है। थोड़ी समझदारी और क्रिएटिविटी दिखाकर आप सिर्फ अपने लिए ही नहीं, बल्कि परिवार और बच्चों के लिए भी खान-पान की स्वस्थ आदतें विकसित कर सकती हैं। वैसे भी पिछले एक सालों से आपने किचन में बहुत समय बिताया होगा, तो उस अनुभव का फायदा उठाइए और अपने दैनिक आहार से जंक फूड को हटाकर कुछ स्वस्थ चीज़ों को शामिल करिए। यकीन मानिए यह काम उतना ही आसान है जितना की सुनने में लग रहा है।

1. हेल्दी नाश्ते से करें दिन की शुरुआत

नाश्ते में मैगी, पास्ता की बजाय बच्चे को कोई फल खिलाने की आदत डालें, लेकिन उसके लिए पहले आपको खुद चाय/कॉफी छोड़कर उनके सामने फल खाना होगा। हां, आप इतना ज़रूर कर सकती हैं कि बच्चे से उसके पसंदीदा फल के बारे में पूछ लें और हर दिन उसे अलग-अलग तरह फल को अलग-अलग तरीके से काटकर और सजाकर दें। फ्रिज में भी चिप्स की बजाय फल रखें ताकि भूख लगने पर बच्चा खुद ही निकालकर खा सके।

2. जंक फूड न खरीदें

आप चाहे सुपरमार्केट से ग्रॉसरी शॉपिंग करती हों या ऑनलाइन, अपने शॉपिंग बैग में चिप्स, बिस्कीट और नमकीन के पैकेट न रखें, क्योंकि यदि आप टीवी देखते समय आलू के चिप्स खाती रहेंगी तो जाहिर सी बात है कि बच्चा इसे खाए बिना मानेगा नहीं। तो बेहतर है कि घर में जंक फूड लाए ही नहीं, बल्कि इसकी जगह छोटी-छोटी भूख मिटाने के लिए भुनी मूंगफली, चना, मखाना, ड्राई फ्रूट्स, खीरा आदि रखें। हां, कभी-कभार बिस्किट, चिप्स देने में कोई बुराई नहीं है, लेकिन इसकी आदत न लगाएं।

3. किचन में बच्चों से लें मदद

बच्चे की उम्र के हिसाब से उससे किचन के काम में मदद लें, जैसे प्लेट लगाना, ग्लास में पानी निकालना। यदि वह थोड़ा बड़ा है तो उसे खाना निकालने और सलाद काटने जैसे काम दे सकती हैं। इससे बच्चे की घर के खाने में दिलचस्पी बढ़ती है और उन्हें पता होता है कि वह क्या खा रहा है।

बच्चों में डाले हेल्दी आदतें| इमेज : फाइल इमेज

4. थोड़ी सी चीटिंग तो बनती है

हो सकता है किसी दिन बच्चा कह दे कि उसे ये सब्ज़ी नहीं खानी, तो उसे डांटने की बजाय आप थोड़ी सी चीटिंग कर सकती हैं। जी हां, उसी सब्जी को सांभर, पावभाजी या मिक्स वेजीटेबल पारांठा आदि में डाल दें। इससे बच्चे को भी चटपटा खाने में मज़ा आ जाएगा और आपका उसे सब्जी खिलाने का मकसद भी पूरा हो जाएगा। यदि कोई फल नहीं खा रहा है, तो उससे मिल्क शेक, फ्रूट कस्टर्ड या दही में मिलाकर मिलाकर दे सकती हैं, बच्चों को यह चीज़ें पसंद आती है। आप उनके लिए डिज़ाइनर कटोरी या ग्लास भी रख सकती हैं जिसे देखकर खाने में उनकी दिलचस्पी बढ़ती है।

5. घर पर बनाएं खाना

यदि आप भी उन लोगों में शामिल है जिन्होंने पिछले एक साल से बाहर का खाना छोड़ दिया है, तो यह आपके और परिवार के लिए बहुत अच्छी बात है। क्योंकि जब आप खुद खाना बनाती हैं तो उसमें तेल, नमक, चीनी और मसालों की मात्रा सीमित रखकर उसे हेल्दी बना सकती हैं।

एक और बेहद ज़रूरी बात जो स्वस्थ खानपान की आदत विकसित करने का अहम हिस्सा है और वह है खाने में सलाद को शामिल करना। मौसम के हिसाब से जो भी चीज़ें मिलती है उसे सलाद के रूप में ज़रूर शामिल करें और जब आपका बच्चा सलाद की प्लेट खाली कर दे, तो उसकी तारीफ करना न भूलें। साथ ही भोजन करते समय बच्चों को अलग-अलग सब्ज़ियों, फल और दाल आदि के पौष्टिक तत्वों बारे में बताएं और यह भी कि यह उनके विकास के लिए कितना ज़रूरी है।

पॉज़िटिव सोच के साथ अपने और अपने परिवार के लिए स्वस्थ खान-पान की आदतें विकसित करिए।

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