ऐसे करे सच्ची दोस्ती की परख

ऐसे करे सच्ची दोस्ती की परख

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जब आप पहली बार स्कूल या कॉलेज जाते हैं, तो आपको पता भी नहीं होता की वहां मिलने वाले लोगों में से कुछ लोग जीवन भर के लिए आपसे से जुड़ जायेंगें। स्कूल या कॉलेज में मिले एक अनजान व्यक्ति के साथ आपकी दोस्ती धीरे-धीरे गहरी होती चली जाती है। फिर जीवन में कैसी भी परिस्थिति सामने आ जाये, वह दोस्त आपका साथ कभी नहीं छोड़ता। लेकिन आज इस ‘फेसबुक फ्रेंड’ के दौर में ‘उस’ सच्चे दोस्त की परख होना बेहद ज़रुरी है। अगर आप अपने दोस्त की दोस्ती को परखना चाहते हैं, तो नीचे बताई जाने वाली बातों पर ध्यान दें।

सच्चाई और ईमानदारी

ऐसे करें सच्ची दोस्ती की परख
सच्ची दोस्ती से बढ़कर कुछ नहीं  | इमेज: फाइल इमेज

दोस्ती का रिश्ता सच्चाई और ईमानदारी पर टिका होता है। जीवन में ऐसे दोस्त होने चाहिये, जो आईने और परछाई के जैसे हो क्योंकि आईना कभी झूठ नहीं बोलता और परछाई कभी साथ नहीं छोड़ती है। दोस्त ऐसा होना चाहिये, जो आपकी खामोशी और झूठी हंसी को भी पढ़ ले।

भरोसे की नींव पर टिकी होती है दोस्ती

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सच्ची दोस्ती से बढ़कर कुछ नहीं  | इमेज: फाइल इमेज

आप अपने दोस्तों पर आंख बंद करके विश्वास करते हैं और समय के साथ यह विश्वास और भी गहरा होता जाता है। आप उससे अपने मन की सारी बातें शेयर कर लेते हैं, जो किसी दूसरे को नहीं बता सकते, इस बात के यकीन के साथ कि वो आपकी बातों को बिना जज किये समझेगा। यही कारण है कि आपको उसके सामने कभी भी बनावटी बातें नहीं करनी पड़ती।

समानता

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सच्ची दोस्ती से बढ़कर कुछ नहीं  | इमेज: फाइल इमेज

दोस्तों के बीच में एक समानता का भाव रहता है। इसमें दो दोस्त बराबर होते है, न कोई छोटा न कोई बड़ा। दोस्ती दो अलग-अलग परिवेश से आये लोगो में भी हो सकती है, पर इसका यह मतलब नहीं कि वह एक दूसरे पर हावी हो जाये। दोस्ती के रिश्ते में दोनों को बराबरी का हक मिलता है।

इमोशनल जुड़ाव

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सच्ची दोस्ती से बढ़कर कुछ नहीं  | इमेज: फाइल इमेज

जन्म लेते ही बच्चे को परिवार और बहुत सारे रिश्ते मिल जाते है पर दोस्तों का चुनाव इंसान खुद करता है। जिन लोगों को आप पसंद करते हैं, उनसे आप इमोशनली जुड़ जाते हैं। इसी लगाव के कारण आपको उनकी सारी अच्छी- बुरी आदतें पसंद आने लगती हैं और आप उनके व्यक्तित्व को कभी बदलना नहीं चाहते।

दूरी का एहसास न होना

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सच्ची दोस्ती से बढ़कर कुछ नहीं  | इमेज: फाइल इमेज

दोस्ती की एक खास बात यह भी होती है कि इसमें आपको दूरी का एहसास नहीं होता। आपका दोस्त चाहे दुनिया के किसी भी कोने में क्यों न हो, आपको जब भी उसकी ज़रुरत पड़ेगी, वो आपके साथ होगा।

अगर आपके पास भी कोई ऐसा दोस्त है, तो आपको चिंता करने की कोई ज़रुरत नहीं क्योंकि हर समय वह आपके साथ होता है, कभी फिज़िकली साथ खड़े होकर आपको अपना कंधा दे दे तो कभी दूर बैठे इमोशनली आपकी परेशानी सुलझा दें।

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