महिलाओं की मेहनत राज्य की प्रगति में बन रही है मददगार
साल 2000 में अलग राज्य बनते ही छत्तीसगढ़ कई तरह की समस्याओं से घिर गया, जिसमें से सबसे गंभीर हेल्थकेयर के क्षेत्र में थी। उस दौरान शिशु मृत्यु दर (आईएमआर) और मातृ मृत्यु दर (एमएमआर) के आंकड़ों का स्तर काफी ज्यादा था और यह पूरे छत्तीसगढ़ राज्य के लिए चिंता की बात थी। बुनियादी स्वास्थ्य सुविधाओं का था अभाव वैसे तो स्वास्थ्य सुविधाओं का अभाव पूरे छत्तीसगढ़ राज्य में ही था लेकिन दूरदराज के घनी आबादी वाले जंगली क्षेत्रों में मेडिकल सुविधाएं दे पाना किसी रिस्क से कम से कम नहीं था। दूसरी तरफ आदिवासी लोगों ने एडवांस मेडिकल सुविधाएं […]