यादें तो बस यादें होती हैं…
पुराने बक्से या संदूक में से जब बचपन वाली गुड़िया, कोई खिलौना या आपके पहले बर्थडे की फ्रॉक निकलती है, तो उसे देखकर कितनी खुशी मिलती है न! ये चीज़ें आपको इसलिए मिली क्योंकि आपकी मां ने इन यादों को सहेजकर रखा था। आप भी ऐसी अनमोल यादों को सहेजकर रख सकते हैं ताकि बरसों बाद उन्हें देखकर आपके चेहरे पर फिर से मुस्कान आ जाये। थोड़ी क्रिएटिविटी दिखायें यादों को संजोने का मतलब बस तस्वीरों से नहीं होता, बल्कि यादों को बड़े ही क्रिएटिव तरीके से संभालकर रखा जा सकता है। किसी ने अपनी पंसदीदा लाइनों को दीवार पर […]