कोरोना में प्लाज्मा थेरेपी कैसे होती है मददगार?

कोरोना में प्लाज्मा थेरेपी कैसे होती है मददगार?

प्लाज्मा थेरेपी से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी
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भारत में कोरोना का कहर इस बार पिछले साल के और दूसरे देशों के रिकॉर्ड तोड़ रहा है। कोरोना वायरस को रोकने के लिए हर संभव कोशिश की जा रही है, जिसके तहत 18 साल से ऊपर के लोगों को वैक्सीन लगाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। इसी के साथ ही इलाज के लिए अलग-अलग तरीके अपनाए जा रहे हैं ताकि इस बीमारी से लोगों की जान बचाई जा सके। उन्हीं में से एक है प्लाज्मा थेरेपी।

पूरे देश में जो भी कोविड पेशेंट ठीक हो गए हैं, उनसे प्लाज्मा डोनेट करने के लिए कहा जा रहा है। आपने भी ये कई बार सुना होगा कि प्लाज्मा से लोग ठीक हो रहे हैं। जानते है प्लाज्मा के बारे में –

प्लाज्मा क्या है?

प्लाज्मा खून में मौजूद पीले रंग का तरल पदार्थ होता है। इसकी मदद से सेल्स और प्रोटीन शरीर के विभिन्न अंगों में खून पहुंचाता है। शरीर में इसकी मात्रा 52 से 62 फीसदी तक होती है। वहीं रेड ब्लड सेल्स 38 से 48 फीसदी तक होता है।

क्या होती है प्लाज्मा थेरेपी ?

जो व्यक्ति कोरोना से ठीक हो गए हैं। उनके शरीर से खून निकालकर प्लाज्मा को अलग किया जाता है। जिस कोविड पेशेंट की बॉडी से प्लाज्मा लिया जाता है, उसके ब्लड में एंटीबॉडी होती है। वह एंटीबाडीज एंटीजन से लड़ने में मदद करती है। यह एंटीबाडीज कोविड संक्रमितों को दी जाती है। विशेषज्ञों के मुताबिक एक इंसान के प्लाज्मा से दो इंसानों का इलाज किया जा सकता है।

प्लाज्मा डोनेट करने की है ज़रूरत : इमेज | फाइल इमेज

प्लाज्मा को कब डोनेट किया जा सकता है?

कोविड से ठीक होने के दो सप्ताह यानी 14 दिन बाद आप रक्त डोनेट कर सकते हैं।

प्लाज्मा कौन डोनेट नहीं कर सकता है?

डायबिटीज, कैंसर, हाइपरटेंशन, किडनी, लिवर के पेशेंट प्लाज्मा डोनेट नहीं कर सकते हैं।

प्लाज्मा से रिएक्शन का खतरा भी रहता है?

प्लाज्मा से एलर्जिक रिएक्शन, सांस लेने में समस्या भी हो सकती है। हालांकि आज की स्थिति में प्लाज्मा से कई लोग ठीक हो रहे हैं। यह समस्या बहुत दुर्लभ स्थिति में हो रही है। इटली में प्लाज्मा थेरेपी से मृत्यु दर में गिरावट दर्ज की गई है।

वैक्सीन और प्लाज्मा थेरेपी में क्या अंतर है?

दोनों आपकी बॉडी में एंटीबॉडी पैदा करती है। लेकिन तरीका अलग-अलग है। जी हां, वैक्सीन किसी वायरस को आपकी बॉडी में फैलने से रोकने में मदद करती है। यह आपके इम्यून सिस्टम को मजबूत करती है। इसका परीक्षण कर इसे बनाया जाता है। करीब 1 साल या उससे अधिक समय भी लग जाता है।

प्लाज्मा किसी व्यक्ति के बॉडी में तैयार एंटीबॉडी की मदद से दूसरे की बॉडी में दिया जाता है। इससे कोरोना से ठीक हो चुके एक व्यक्ति के द्वारा दूसरे व्यक्ति का इलाज किया जाता है।

 कौन-कौन सा देश प्लाज्मा थेरेपी का कर रहा है इस्तेमाल ?

प्लाज्मा थेरेपी का इस्तेमाल आज के वक्त में भारत सहित अन्य 20 देशों में भी किया जा रहा है। उनमें – अमेरिका, ब्रिटेन, स्पेन और इटली प्रमुख देश हैं।

कोरोना से बचाव का उपाय है कि सुरक्षा के तरीके अपनाए जाए और समय रहते वैक्सीन लगवा लिया जाए।

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