दुनिया में शायद ही कोई ऐसा इंसान हो, जिसे किसी चीज़ से डर न लगता हो, किसी बात की चिंता न सताती है। हर इंसान को किसी न किसी चीज़ की एंग्ज़ाइटी ज़रूर होती है, लेकिन जब यह सीमा से बाहर हो जाए तो रूटीन लाइफ पर असर डालने लगती है। इसलिए ज़रूरी है कि आप अपनी एंग्ज़ाइटी को दूर करके खुद को संतुलित रखना सीखें। यह काम बहुत मुश्किल नहीं है, बस आपको थोड़ी कोशिश करनी होगी।
लिस्ट बनाये
आपको जिन चीज़ों से डर लगता है या जो बातें आपको चिंतित कर देती है। एक पेपर पर उनकी लिस्ट बनायें। जैसे- रिलेशनशिप से जुड़ी समस्यायें, पैसों की परेशानी, नौकरी का स्ट्रैस या कोई भी ऐसी चीज़ जो आपकी एंग्ज़ाइटी का कारण है, सभी को पेपर पर लिख लें। इस एक्सरसाइज़ से आपके दिमाग को सुकून मिलेगा और अपनी लिस्ट देखकर आपको खुद समझ आयेगा कि आपकी कौन सी चिंता फिज़ूल की है और कौन सी वाजिब है। साथ ही यदि किसी खास परिस्थिति में आप ज़्यादा चिंतित हो जाते हैं, तो उन परिस्थितियों को याद करके उसका मूल्यांकन करिये और खुद को परखिये कि क्या आपकी एंग्ज़ाइटी सही है?
प्राथमिकता तय करें
एक बार लिस्ट बनाने के बाद अपनी एंग्ज़ाइटी की प्राथमिकता तय करिये। कौन सी बेकार यानी फिज़ूल की है, किस पर तुरंत ध्यान देना ज़रूरी है, किस पर बात में ध्यान दे सकते हैं, कौन सी ज़्यादा परेशानी खड़ी करने वाली है आदि। इसके बाद फिज़लू की चिंताओं को मन से निकाल दें और आपको लगता है कि जिन चिंताओं को तुंरत दूर किया जाना चाहिये, जैसे रिलेशनशिप से जुड़ी या नौकरी से जुड़ी, तो उस पर तुरंत काम करना शुरू कर दीजिये। ऐसा करने से आप डर और चिंता से धीरे-धीरे उबरकर बाकी चीज़ों पर ध्यान देना शुरू कर देंगे।
खुद का आंकलन
ये दोनों काम करने के बाद आपको खुद अंदाज़ा हो जायेगा कि आप किन बातों से बेकार में डर रहे हैं या चिंता कर रहे हैं और किन बातों पर आपको सच में सुधार की ज़रूरत है। जब आप खुद ही अपने आपको सुधारने की कोशिश करने लगेंगे, तो एंग्ज़ाइटी/चिंता आपसे कोसो दूर चली जायेगी और आप आज में जीना सीख जायेंगे।
और भी पढ़े: वोट मेरा अधिकार हैं
अब आप हमारे साथ फेसबुक और इंस्टाग्राम पर भी जुड़िये।