कोरोना महामारी की वजह से पिछले डेढ़ साल में बहुत से लोगों ने अपना बहुत कुछ खो दिया। शायद उस खालीपन को भरना बेहद मुश्किल है, लेकिन हम सभी अपनी पॉज़िटिव वाइब्रेशन्स से अपने आसपास और देश-दुनिया के लोगों को सशक्त महसूस करा सकते हैं।
विचारों को कैसे शुद्ध व साफ रखा जाए, कैसे अपने कर्मों को बेहतर बनाया जाए, इन सभी बातों को बड़े ही सरल उदाहरणों के साथ मोटिवेशनल और आध्यात्मिक गुरू बीके शिवानी ने ThinkRight.me के वेबिनार में लोगों के बीच साझा किया।
पुरानी बातों से बाहर निकलें
हम हमेशा इन्हीं बातों में उलझे रहते हैं कि उसने क्या कहा, क्यों कहा या मैंने किसी से गलत तरीके से बात की। जब हम हमेशा पुरानी बातों को साथ लेकर चलते रहेंगे, तो आगे बढ़ना बेहद मुश्किल है। इस बात को सिस्टर शिवानी ने बेहद ही रोचक उदाहरण देकर स्पष्ट किया। उन्होंने कहा कि जब हमारे कपड़ों या सोफे-फर्श पर कोई चीज़ गिर जाती है, तो हम उसे तुरंत साफ करते हैं, ताकि दाग न पड़े। ठीक वैसे ही जो पहले हो चुका है, उन दागों को अपने मन पर जमने मत दो, उसे तुरंत साफ कर लो। अगर आपके मन में कोई परेशानी है, तो उसे लिख लो। खुद को खत लिखो, जिसमें अपनी मन की परेशानियों और दूसरों से हुई तकलीफ को लिखकर खत्म कर दो। हमें अपने मन में लगे दागों का कारण पता है, तो उसे जल्द से जल्द साफ करके जीवन से मुक्त कर दो।
वर्तमान में जिएं
जब आपने अपने पुराने कर्म व विचारों को जीवन से मुक्त कर दिया, तो वर्तमान को सही तरीके से जीना सीखे। अगर आपको कोई विचार परेशान कर रहा है, तो 30 सैकेंड बिल्कुल शांत बैठे, उस विचार को बदलने की कोशिश करें। अपनी भाषा और विचारों की भाषा पर ध्यान दें। मन को जितना हल्का रखेंगे, जीवन उतना अच्छा बीतेगा। इस बात को बेहतर तरीके से समझाने के लिए सिस्टर बीके शिवानी ने हवाई जहाज़ में सामान लेकर जाने के भार से जोड़कर समझाया। उन्होंने कहा, “अगर हवाई यात्रा में 15 किलो सामान लेकर जाने की इजाज़त होती है, तो हम अपने सामान को उतना ही पैक करते हैं और अगर यही मात्रा 25 किलो की हो, तो हम अपना सामान उतना ही बढ़ा देते है। यात्रा के दौरान सामान जितना कम होता है, सफर करना उतना ही आसान होता है। वैसे ही तो जीवन है, पुराने कर्मों व विचारों को जितना कम से कम रखेंगे, जीवन जीना उतना ही आसान हो जाएगा।“
अपने विचारों पर ध्यान दें
वर्तमान को तभी बेहतर बनाया जा सकता है, जब हमारे विचार सही होंगे। इसलिए ज़रूरी है कि अपने विचारों पर ध्यान दें। सबसे पहले अपने विचारों देखें, फिर उन्हें चेक करें कि क्या विचार सही है और फिर विचारों में बदलाव लाएं। बीके शिवानी ने विचारों में बदलाव लाने का बेहद ही आसान तरीका भी इस वेबिनार में बताया। उन्होंने कहा कि जब हम बच्चे को बोलना सिखाते हैं, तो हम हमेशा बार-बार उसके सामने लाइन रिपीट करते हैं, ताकि वह समझ सके। वैसे ही खुद से बार-बार सही विचार बोलिए, फिर देखिए कुछ ही दिनों में आपका मन उसी लय में सोचने लगेगा। मन को शांत रखकर ही आप विचारों में स्पष्टता ला सकते हैं।
मन को सशक्त करें
जब विचार सही है, तो मन को शक्तिशाली बनाना भी मुश्किल नहीं है। जब आपका मन चीज़ों पर निर्भर नहीं होगा, आप खुद को सशक्त महसूस करेंगे। इसे रोज़मर्रा की ज़िंदगी से जोड़ते हुए बीके शिवानी ने कहा कि जब हम कहते हैं कि मैं बिना चाय/ कॉफी के नहीं रह सकता/सकती या मेरी सुबह बिना चाय/ कॉफी के शुरू नहीं हो सकती, तो आप अपने मन के अधीन है। आपने खुद को ऐसी चीज़ों से बांधकर रखा है कि अगर आपको सुबह चाय/कॉफी न मिले, तो शायद आपका दिन अच्छा न बीतें। आपको सिरदर्द रहे। इसलिए मन को सशक्त करने के लिए अपने शब्दों पर ध्यान दें। मन को चीज़ों के अधीन नहीं बल्कि उसे मास्टर बनाएं।
जीवन में याद रखें छोटी-छोटी बातें
बीके शिवानी ने सेशन का अंत करते हुए जीवन में जुड़ी छोटी-छोटी बातों पर अमल करने की शिक्षा दी।
- अपने मन को साफ रखें
- अपने शरीर को सेहतमंद रखें
- भावनात्मक रूप से मज़बूत होने के लिए मेडिटेशन करें
- शरीर की इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए सेहतमंद व संतुलित भोजन लें
- मन की इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए अच्छी व पॉज़िटिव किताबें व सही सोशल मीडिया साइट्स देखें।
अगर इन बातों को रोज़मर्रा की ज़िंदगी में अपना लिया जाए, तो यकीन मानिए जीवन बहुत ही सरल और आसान हो जाएगा।
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