आलस बुरी बला है, यह तो सब ही जानते होंगे पर फिर भी हर व्यक्ति को कभी न आलस आ ही जाता है। आए भी क्यों न, सबकी जीवनशैली इतनी व्यस्त जो हो गई है। खान-पान पर ध्यान नहीं है और आराम का पूरा समय मिल ही नही पाता। ऐसे में लोग छुट्टी वाले दिन अपनी थकान दूर कर लेते हैं, लेकिन उन लोगों का क्या जिनकी थकान आलस में बदल गई है और अब दिन का कोई भी पहर हो आलस उनका पीछा ही नहीं छोड़ता।
अगर आप भी उन लोगों में से हैं जो अपने आलस से परेशान हैं, तो आपको बताते है आलस आने के कुछ कारण और इससे पीछा छुड़ाने का रास्ता।
ये हो सकते हैं आपके आलस का कारण
अधिक कार्बोहाईड्रेट्स का सेवन करना
कार्बोहाईड्रेट्स आपको तुरंत ऊर्जा देने के लिए अच्छे हो सकते हैं, लेकिन ज़रूरत से ज़्यादा कार्ब्स या प्रोसेस्ड चीज़े खाने से आपके रक्त में शूगर की मात्रा एकदम से बढ़ जाती है। इसे संतुलन में रखने के लिए आपका शरीर ज़्यादा मात्रा में इंसुलिन पैदा करता है ताकि यह शूगर आपके रक्त से हट कर सेल्स में चली जाए। शरीर में अचानक से अधिक मात्रा में शूगर के आने और कम हो जाने की प्रक्रिया की वजह से शरीर में थकावट हो जाती है।
देखने वाली बात यह भी है कि आप जितना कम कार्ब्स और प्रोसेस्ड फूड खाएंगे, उतना ही ऊर्जावान महसूस करेंगे। अपनी एनर्जी को पूरे दिन सामान्य रखने के लिए आप सब्जियों, दाल और फाइबर वाली चीज़ों का सेवन करें।
पर्याप्त कैलोरी नहीं खाना
बहुत कम कैलोरीज़ का सेवन करने से भी थकावट महसूस होती है। कैलोरीज़ की वजह से आपके शरीर में सांस लेने और तापमान को बनाए रखने जैसी प्रक्रिया होती है। जब आप कम कैलोरीज़ लेते हैं तो आपके शरीर में ऊर्जा बचाए रखने के लिए मेटाबॉलिज़म धीरे हो जाता है, जिससे थकान होती है।
आपका शरीर आपकी लंबाई, वज़न, उम्र और अन्य कारकों के आधार पर कैलोरीज़ की एक सीमा के अंदर काम कर सकता है। हालांकि, मेटाबॉलिज़म को नियमित रखने के लिए ज़्यादातर लोगों को दिन में कम से कम 1200 कैलोरीज़ की ज़रूरत होती है।
किसी तरह के खाने की एलर्जी
ज़्यादातर लोग समझते हैं कि खाने की एलर्जी की वजह से त्वचा में रैशिज़ हो सकते हैं, नाक बहने लगती है, छींके आने लगती हैं, सिर दर्द हो जाता है। लेकिन कम लोग ही जानते होंगे की खाने की एलर्जी की वजह से आलस और कमज़ोरी आना भी एक सामान्य बात है।
अगर आपको लगता है कि आपको किसी प्रकार के खाने की एलर्जी है, तो किसी एलर्जिस्ट और डाइटीशियन से मिलें।
गलत समय पर सोना
कम सोना तो परेशानी का बात है ही, लेकिन गलत समय पर सोने से भी आपको हर समय आलस और थकावट महसूस हो सकती है। हर व्यक्ति की एक सर्काडियन साईकल होती है, जो ऱोशनी और अंधेरा देख कर आपके शरीर में होने वाले बायल़ॉजिकल बदलावों के लिए ज़िम्मेदार होती है। अगर आपके सोने का पैटर्न खराब है तो एक महीने के अंदर आपको अपने अंदर बदलाव नज़र आने लगेंगे, जैसेकि नींद न आना, ज़रूरत से ज़्यादा सोना या हर समय आलस आता रहना।
अगर आपकी जॉब शिफ्ट वाली है तो आप नाइट शिफ्ट कर के सुबह घर जाते समय काला चश्मा पहन कर जाएं और एकदम अंधेरे कमरे में सोएं।
पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन का सेवन न करना
अपर्याप्त प्रोटीन का सेवन आपकी थकान में योगदान दे सकता है। प्रोटीन खाने से आपका मेटाबॉलिज़्म अधिक हो जाता है। वज़न घटाने में सहायता के अलावा, यह थकान को रोकने में भी मदद कर सकता है। कोरिया के एक कॉलेज में हुए अध्ययन से पता चलता है कि जिन छात्रों ने दिन में ज़्यादा प्रोटीन वाले पदार्थों का सेवन किया था, उनमें ऊर्जा ज़्यादा रहती थी।
सुस्ती भगाने के अन्य तरीके
इसके अलावा आपको दिन में कम से कम 8 गिलास पानी पीते रहना चाहिए। दरअसल पसीने, सांस और पेशाब के ज़रिए शरीर का पानी कम हो जाता है, जिससे थकान महसूस हो सकती है।
साथ ही आपको अधिक मात्रा में चाय, कॉफी और एनर्जी ड्रिंक्स के सेवन से बचना चाहिए। ये तुरंत एनर्जी दे देती हैं लेकिन जैसे ही इनका असर खत्म होता है, आपको थकान महसूस होने लगती है। यही कारण है कि लोगों को चाय, कॉफी और एनर्जी ड्रिंक्स की आदत पड़ जाती है।
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