गुस्सा इंसान का सबसे बड़ा दुश्मन है। यह न सिर्फ आपकी सोच, बल्कि सेहत पर भी नकारात्मक असर डालता है। इसलिए हर किसी को गुस्से दूर रहने की कोशिश करनी चाहिए। गुस्सा बच्चों के विकास में भी बाधक हो सकता है, इसलिए सीबीएसई ने अपने छात्रों को इससे बचाने के लिए अनोखी पहल शुरू करने की कोशिश की है एंगर फ्री ज़ोन के रूप में।
क्या है एंगर फ्री ज़ोन?
सेंटर बोर्ड और सेकेंडरी एज्युकेशन ने अपने सभी स्कूलों को सर्कुलर जारी करके स्कूल में एंगर फ्री ज़ोन बनाने के लिए कहा है। इस जगह पर छात्र और शिक्षक से लेकर अन्य कर्मचारी तक अपने गुस्से पर काबू रखना सीख सकेंगे। गुस्से से डिप्रेशन, सिरदर्द और हाई ब्लड प्रेशर का खतरा बढ़ जाता है। वैसे भी आजकल छोटे-छोटे बच्चों को भी बात-बात पर गुस्सा आने लगा है ऐसे में एंगर मैनेजमेंट हर किसी के लिए बहुत ज़रूरी हो गया है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए सीबीएसई ने सभी स्कूलों में एंगर फ्री ज़ोन बनाने की सलाह दी है।
बच्चों के सकारात्मक विकास के लिए
एंगर फ्री ज़ोन में छात्र, शिक्षक, अभिभावक और स्कूल का कोई भी कर्मचारी जाकर अपने गुस्से को कंट्रोल करना सीख सकता है। दरअसल, इसका मकसद है बच्चों के सामने अच्छी मिसाल पेश करना है। बच्चों को छोटे से ही गुस्से को कंट्रोल करने की आदत डलवाना बहुत ज़रूरी है। इससे उनका मस्तिष्क सकारात्मक तरीके से सोचने के लिए प्रेरित होगा और उनका स्किल डेवलपमेंट होगा। ‘ज्वॉयफुल एजुकेशन एंड होलिस्टिक फिटनेस’ की पहल के तहत सीबीएसई ने इसे शुरू किया है और स्कूलों को एक जगह चुनकर वहां ‘एंगर फ्री ज़ोन’ का संदेश लिखा बोर्ड लगाने की भी सलाह दी है।
सोशल मीडिया शेयरिंग
किसी भी अच्छी पहल को हर किसी तक पहुंचाया जाना चाहिए, ताकि अधिक से अधिक लोगों को इसका लाभ मिले। स्कूल को एंगर फ्री जोन बनाने के लिए बोर्ड द्वारा दी गई सरल सिफारिशों में हर समय मोबाइल में व्यस्त न रहना, छात्र और शिक्षक का एक-दूसरे को देखने पर मुस्कुरना, गहरी सांस लेना, 20 मिनट खुद के लिए समय निकालना व एक्सराइज करना आदि शामिल हैं। इतना ही नहीं हर स्कूल को अपने अनुभवों को रिकॉर्ड करके सोशल मीडिया पर #cbsenoanger के साथ शेयर करने के लिए कहा गया है।
मेंटल हेल्थ
गुस्सा से दूर रहने से बच्चों का मेंटल हेल्थ ठीक रहेगा और खुश रहने के लिए यह बहुत ज़रूरी है। इससे बच्चा खुशी-खुशी घर जाएगा और अगले दिन स्कूल आने का इंतज़ार करेगा। इससे बच्चे में नकारात्मक भावनाएं दूर होंगी।
गुस्सा हर किसी के विकास में बाधक होता है, इसलिए अपने स्तर पर हम सभी को इससे बचने की कोशिश करनी चाहिए। गुस्से से दूर रहने के लिए मन को शांत रखना ज़रूरी है।
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