हम अपनी सोच, एटीट्यूड, काम और एक्टिविटीज़ में सुधार लाकर कामयाबी के ग्राफ को बढ़ा सकते हैं। बीती बातों या अनुभवों को दोहराने से कुछ हासिल नहीं होता, बल्कि यह जानने का प्रयास होना चाहिए कि हमने ‘कल’ से क्या सीखा? अगर आप भी अपनी लाईफ को उद्देश्यपूर्ण बनाना चाहते हैं, तो खुद से ये तीन सवाल जरूर पूछे –
आपने क्या नया सीखा?
दरअसल, हमारी लाईफ के तीन मुख्य फेज होते है- डिग्री, जॉब और रिटायरमेंट। ये तीनों फेज हर किसी की लाईफ में आते हैं और ये तीनों ही एक दूसरे से जुड़े और एक दूसरे पर निर्भर होते हैं। अगर एक भी कड़ी कमज़ोर हो जाए, तो जीवन का उद्देश्य कमज़ोर पड़ सकता है। यही वजह है कि हम जीवन को एक प्रोफेशनल के तौर पर जिएं और हर बीते हुए कल से कुछ सबक लें। हम जो भी काम करते हैं, उससे केवल हमारा ही संबंध नहीं होता, बल्कि उसका असर दूसरों पर भी पड़ता है। इसलिए कोई भी काम करने से पहले और उसके बाद के रिजल्ट का आंकलन जरूर कर लें। अगर रिजल्ट पॉज़िटिव है, तो इसका मतलब है कि आप सही डायरेक्शन में जा रहे हैं और अगर ऐसा नहीं है, तो फिर खुद से सवाल करने की जरूरत है कि आखिर चूक कहां हुई?
क्या आप दूसरों की मदद कर रहे हैं?
अक्सर लोगों के दिमाग में यह सवाल आता है कि सबसे सफल लोग कौन हैं? जो दूसरों को देने में विश्वास करते है या जो लोग सिर्फ हासिल करना चाहते है या वो लोग, जो दोनों में तालमेल बनाकर चलते हैं। दरअसल, जिन्हें सिर्फ हासिल करना होता है, वे दूसरों से बहुत उम्मीद लगाते है, वहीं दूसरों को देने वाले लोग बदले में आपसे आपका समय, एनर्जी, कॉन्टैक्ट, ज्ञान, रिएक्शन या सलाह की इच्छा रखते हैं। इसके अलावा लेन-देन के बीच संतुलन बनाने वाले लोग इंतजार करते हैं। लेकिन, इन तीनों में से सबसे सफल होता है, देने वाला क्योंकि वे दूसरों को खुश करने और दूसरों की मदद करने के बीच के अंतर को समझते हैं। आप किसी की मदद तभी करते हैं, जब उसे आपकी जरूरत होती है। इससे रिलेशनशिप और आपसी विश्वास मजबूत होता है, क्योंकि मदद के तौर पर आप अपना वक्त, एनर्जी और रेस्पेक्ट का इंवेस्टमेंट करते हैं। यही वजह है कि नौकरी का सबसे ज्यादा ऑफर वैसे कैंडिडेट को ही मिलता है, जो न केवल क्वालिफाइड होते हैं, बल्कि जो विश्वास, इंटेग्रिटी और रेपुटेशन के आधार पर पॉज़िटिव रिलेशन बनाते हैं।
क्या आप जो करते है, उससे प्यार करते हैं ?
इंसान हमेशा उन्हीं कामों को करके खुश होता है, जिसे करने में उसे मज़ा आता है। लेकिन, यह केवल उन चीज़ों को ढूंढने के बारे में नहीं है, जिन्हें आप पसंद करते हैं, बल्कि यह आपके उद्देश्य ढूंढने से संबंधित है, मसलन- आप यहां क्यों हो, ऐसा क्यों कर रहे हो, अभी ही क्यों कर रहे हो? किसके लिए कर रहे हो? इन सवालों के जवाब तभी मिल सकते है, जब आप कुछ भी काम करते है, उससे प्यार करना सीखते है क्योंकि यह आपको अपने मकसद की तह तक ले जाता है।
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