प्लास्टिक के प्रदूषण से वन्य जन्तुओं और मानव जीवन पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है और इसी वजह से प्लास्टिक के कम से कम इस्तेमाल पर ज़ोर दिया जा रहा है। कई कंपनियां और एनजीओ अपने-अपने स्तर पर कोशिश कर रहे हैं, जिसके जरिए शहर से निकलने वाले सैकड़ों टन प्लास्टिक वेस्ट को रीसाइकिल करके यूजेबल प्रोडक्ट बना सकते हैं। इसी सोच के साथ पर्यावरण को बचाने के लिए कुछ ऐसा ही कर रहा है एयरलाइन ईज़ीजेट।
एयरलाइन ईज़ीजेट की पहल
पर्यावरण को बचाने के लिए साल 2000 से ही ईज़ीजेट की ओर से कार्बन एम्मिशन कम करने की पहल चल रही है। इस पहल से साल 2019 में ये दुनिया की ऐसी पहली एयरलाइन बन गई थी, जो कार्बन न्यूट्रल फ्लाइट्स चलाती है। इतना ही इस पहल को जारी रखते हुए और एक नया कदम उठाया है जिसमें एयरलाइंस ने प्लास्टिक की बोतलों को रीसाइकिल करके अपनी सभी क्रू मेंबर्स और पायलट के लिए यूनिफॉर्म बनाई है।
क्या है खासियत यूनिफॉर्म की?
एक मेंबर की यूनिफॉर्म बनाने में कुल 45 प्लास्टिक की बोतलों का इस्तेमाल हुआ है। एयरलाइन कंपनी के इस अनोखे वेंचर के चलते हर साल 2.7 मिलियन प्लास्टिक की बोतलों का इस्तेमाल होगा। इन बोतलों से हाई टेक मटीरियल बनाया जाता है, जिसमें रीन्यूएबल एनर्जी सोर्स का इस्तेमाल होता है। पिछले साल ही इस तरह यूनिफॉर्म्स को सिलकर उन्हें टेस्ट किया गया था। इसकी फिटिंग और फ्लेक्सिबिलिटी क्रू मेंबर्स को काफी पसंद भी आई थी।
सभी प्रकार के जांच और पडताल के बाद इस यूनिफॉर्म्स को एयरलाइन ने अपने पायलट और क्रू मेंबर्स के लिए तैयार किया है। इसके चलते अगले 5 साल के कॉन्ट्रैक्ट में एयरलाइन कंपनी अपने सभी कर्मचारियों की यूनिफॉर्म को इस नए फैब्रिक से बदलेगी। इसका मतलब यह है कि प्लास्टिक रीसाइकिल करके बने यूनिफॉम से लगभग 20 लाख 70 हजार प्लास्टिक समुद्र में जाने से बच जाएगा।
छोटी-छोटी कोशिशे
ईज़ीजेट ने सफर के दौरान प्लास्टिक का कम से कम इस्तेमाल हो, इसलिए एयरलाइंस की ओर से कई छोटे-छोटे कोशिशें की जा रही है। जैसे कि पैकेजिंग के लिए विमान में कम से कम प्लास्टिक इस्तेमाल। इनकी जगह कार्डबोर्ड का इस्तेमाल किया जा रहा है। टीबैग्स रखने के लिए लकड़ी के कटोरे का इस्तेमाल हो रहा है। प्लास्टिक स्ट्रॉ को भी बदल दिया गया है। इतना ही नहीं यात्रियों को भी प्लास्टिक कम उपयोग करने के लिए ऑफर दिया जा रहा है, ताकि वह ऑफर के साथ इस पहल में उनकी मदद कर सकें।
इस पहल से पर्यावरण पर असर
एयरलाइंस के प्लास्टिक बोतलों की रिसाइक्लिंग के इस काम से और लोगों के कम इस्तेमाल करने के बाद लगभग 50 प्रतिशत से भी ज़्यादा प्लास्टिक बोतलों की रिसीइक्लिंग संभव होगी। इससे प्लास्टिक को कचरे में न फेंकते हुए इसकी रिसाइकलिंग होने से पर्यावरण प्रदूषण कम होगा। रिसाइक्लिंग की वजह से प्लास्टिक को कचरे में जलाया नहीं जाएगा, न ही नदियों और तालाबों में बहाया जाएगा। जिससे हवा और पानी साफ और शुद्ध रहेगा।
आप भी पर्यावरण की सुरक्षा का ध्यान रखते हुए जितना हो सके उतना प्लास्टिक का इस्तेमाल न के बराबर करें। साथ ही छोटे- छोटे तरीकों को अपनाकर प्लास्टिक को पर्यावरण से दूर रखें।
इमेज : मेलऑनलाइन
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