जब देश सेवा की बात आती है, तो भारतीय तन, मन और धन सब समर्पित कर देते है और इसी बात को एक बार फिर साबित किया है मुर्तज़ा हामिद ने।
कौन है मुर्तज़ा हामिद?
मुंबई में रह रहे 42 साल के मुर्तज़ा हामिद जन्म से नेत्रहीन होने के बावजूद अपने हौसलों के दम पर आज वैज्ञानिक है। उन्होंने अपने जीवन की बड़ी कमाई पुलवामा शहीदों के नाम दान करने की पेशकश की है। हामिद का कहना है कि शहीदों के जीवन से त्याग करने की प्रेरणा मिलती है, इसलिए मुझे लगता कि हमें भी आगे आकर उनकी मदद करनी चाहिये, जिन्होंने देश के लिए अपनी ज़िंदगी कुर्बान कर दी।
110 करोड़ रुपये किये डोनेट
दरअसल एक बार जयपुर के पेट्रोल पंप में जैसे ही वहां खड़े शख्स ने मोबाइल से कॉल एक्सेप्ट की, वैसे ही वहां आग लग गई। हामिद ने इस विषय पर रिसर्च करते हुये फ्यूल बर्न रेडिएशन टेक्नोलॉजी का अविष्कार किया। इस टेक्नोलॉजी में बिना जीपीएस या कैमरा के किसी भी वाहन को ट्रेस किया जा सकता है।
अपने इस अविष्कार से ही हामिद को 110 करोड़ रूपए मिले थे, जो उन्होंने सीधे पीएम रिलीफ फंड में देने का फैसला किया है।
हामिद का अविष्कार रोक सकेगा पुलवामा जैसे हमले
हामिद जैसे लोग चाहे सैनिक की वर्दी न पहनते हो, फिर भी वह देश के सिपाही की भूमिका निभाते हैं। हामिद की टेक्नोलॉजी के ज़रिये डिफेन्स के साथ-साथ पुलिस को भी मदद मिलेगी। अब तक वाहन का सहारा लेकर जो अपराध होते थे, उन्हें रोकने में मदद मिलेगी।
क्या हैं इस दान के मायने?
माना जा रहा है पुलवामा हमले के बाद किसी आम आदमी के द्वारा दिया गया यह दान सबसे बड़ा दान होगा। हामिद जैसे लोग न सिर्फ आसपास के लोगों को बल्कि दुनियाभर को प्रेरित करते है कि शरीर की किसी भी कमी को दरकिनार करके समाज और देश के लिये बहुत कुछ किया जा सकता है।
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