कलरफुल कंटेनर, उसमें स्कूल की तरह लगी कुर्सियां और टेबल, ब्लैकबोर्ड, हर टेबल पर लैपटॉप और उसके आगे बैठे युवा और उन्हें पढ़ाते व ट्रेनिंग देते ट्रेंड लोग। अगर आपको पढ़कर लग रहा है कि कंटनेर में पढ़ाई कैसे मुमकिन है, तो आपको बता दें कि ये पाठशाला आपको हरियाणा के गुरुग्राम में मिल जाएगी। इस कंटेनर में गरीब और बेरोज़गार युवाओं को शिक्षा एवं ट्रेनिंग दी जाती है, ताकि उन्हें जॉब्स मिल सकें।
सेफ एजुकेट एनजीओ की अनूठी पहल
गुरुग्राम का मोबाइल कलरफुल क्लासरूम गैर सरकारी संस्था सेफ एजुकेट की एक पहल है, जो गरीब और बेरोज़गार छात्रों को सॉफ्ट स्किल ट्रेनिंग, सप्लाई चेन मैनेजमेंट और कंप्यूटर की शिक्षा देता है। युवाओं के लिए ये नौकरी पाने का अहम ज़रिया बनता जा रहा है। खास बात यह है कि इस स्कूल में सारी सुविधायें दी जाती है ताकि उन्हें जॉब में किसी भी तरह की दिक्कत न आयें।
देते है जानकारी
सॉफ्ट स्किल ट्रेनिंग के तहत छात्र यहां सीखते हैं कि प्रोफेशनल तरीके से कैसे बात की जाती है और नौकरी के लिए इंटरव्यू कैसे दिया जाता है? इतना ही नहीं, नौकरी के दौरान अगर कहीं प्रेज़नटेशन देनी है, तो कैसे बनाया जाये, इसकी जानकारी भी इसमें दी जाती है। यहां तक कि इंटरव्यू में जाने के लिए ड्रेसिंग सेंस क्या हो, इसकी भी जानकारी छात्रों को दी जाती है। जबकि, सप्लाई चेन मैनेजमेंट के तहत छात्रों को यह शिक्षा दी जाती है कि आजकल एक कंज्यूमर अगर कोई प्रोडक्ट ऑनलाइन मंगाता है, तो उसकी पूरी प्रक्रिया क्या होती है। यानी, उस प्रोडक्ट के रॉ मेटेरियल, प्रोडक्शन, मार्केटिंग, डिस्ट्रीब्यूशन से लेकर एंड यूजर तक की पूरी सप्लाई चेन की जानकारी छात्रों को दी जाती है।
भविष्य संवारने का करता है काम
भारत में हर साल लाखों लोग जॉब्स पाने की ज़द्दोजहद करते है, ऐसे में इस तरह की अनूठी पहल युवाओं में संजीवनी का काम कर रही है। इस तरह की ट्रेनिंग्स से न सिर्फ लोगों के नज़रिये में बदलाव आता है, बल्कि उन्हें बेहतर करियर की दिशा में भी अग्रसर करता है।
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