कोई व्यक्ति स्वस्थ तभी कहलाता है जब वह शारीरिक और मानसिक रूप से पूरी तरह स्वस्थ हो। मानसिक स्वास्थ्य बहुत ज़रूरी है, क्योंकि जो लोग मन से स्वस्थ होते हैं, वह अन्य लोगों की तुलना में किसी भी शारीरिक बीमारी से जल्दी उबर जाते हैं और कोरोना के दौर में यह बात साबित हो चुकी है। विशेषज्ञ भी मानते हैं कि पॉज़िटिव सोच वाले लोगों ने जल्दी कोरोना का मात दी। ऐसे में बहुत ज़रूरी है कि आप अपनी दिमागी सेहत को दुरुस्त रखें।
कोरोना में लोगों को हुई मानसिक परेशानी
नेहा के पति साहिल को करीब एक महीने पहले अचानक से घबराहट की समस्या हो गई और वजह थी कोरोना। अपने कई करीबी रिश्तेदारों के संक्रमित होने की खबर मिलने और लगातार कोरोना से जुड़ी खबरें पढ़ने की वजह से साहिल को घबराहट हुई थी। रात में उन्हें ऐसा लगता जैसे की सांस लेने में दिक्कत हो रही है और वह घबराकर उठ जाते। करीब 10 दिनों तक यह सब चलता रहा। फिर फोन पर डॉक्टर से सलाह लेने और खुद को कोरोना से जुड़ी खबरों से दूर करके योग और मेडिटेशन के जरिए साहिल इस समस्या से बाहर आए। साहिल जैसा ही हाल कई लोगों का हो चुका है इसलिए कोरोना की महामारी के इस दौर में अपनी दिमागी सेहत को बहुत ख्याल रखने की ज़रूरत है।
धन्यवाद एक और खूबसूरत दिन के लिए
नकारात्मक खबरों के माहौल में खुद को पॉज़िटिव बनाए रखने के लिए हर सुबह उठने के बाद ईश्वर को धन्यवाद दें कि आप पूरी तरह स्वस्थ हैं। यही नहीं आपके पास जो कुछ भी है उसके लिए आभार जताएं। ऐसी ही बहुत सी छोटी-छोटी बातें हैं, जिसके लिए आभार जताकर आप सकारात्मक बने रह सकते हैं।
परिवार/दोस्तों से जोड़ें दिल के तार
कोई समस्या होने पर अपने किसी करीबी से बात करने से मन का बोझ हल्का हो जाता है और हमें अच्छा महसूस होता है। परिवार और दोस्त हमारी ताकत होते हैं जो हर मुश्किल में हौसला बढ़ाते हैं, इसलिए हमेशा उनसे जुड़े रहें। अगर मिल नहीं सकते तो फोन और चैट के ज़रिए बात करते रहें। अपनों से बात करके दिल को सुकून मिलती है और यह सूकुन दिमागी सेहत को ठीक रखता है।
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बढ़ाएं मदद का हाथ
चाहे छोटी ही सही, लेकिन हमेशा दूसरों की मदद के लिए तैयार रहें, क्योंकि दूसरों की मदद के बाद मन को बहुत शांति मिलती है। आप चाहें को अपने आसपास किसी करीब परिवार को अनाज/कपड़े दान कर सकते हैं, ज़रूरतमंदों को मास्क बनाकर दे सकते हैं, अपने किसी करीबी से बात करके उसका हौसला बढ़ा सकते हैं। मदद किसी भी रूप में की जा सकती है।
भावनाओं को बह जाने दें
कभी किसी बात पर दुखी हैं तो आंसुओं को बह जाने दें उसे जबरन रोकिए मत। इसी तरह खुश होने पर दिल खोलकर हंस लीजिए। कभी भी किसी भावना को दिल में दबाएं नहीं। इससे मन पर किसी तरह का भार नहीं रहता है और कुछ देर बात आप सामान्य अवस्था में लौट आते हैं।
नकारात्मक बातों/लोगों से दूर रहें
बेहतर होगा कि आप न्यूज़ देखना बंद कर दें या बहुत कम समय के लिए देखें। साथ ही हमेशा नकारात्मक बात करने वाले दोस्तों व रिश्तेदारों से फोन पर बात न करें। जब आप नकारात्मक चीज़ों से दूरी बना लेंगे तो मन अपने आप पॉज़िटिव चीज़ों के बारे में सोचने लगेगा।
खुद से प्यार करें, पसंद का कम करें हालात चाहे जैसे भी हों, खुद से और अपने परिवार वालों से हमेशा प्यार करें, क्योंकि आपकी ज़िंदगी में यही सबसे अधिक मायने रखता है। कोरोना के इस समय में अपने आपको फिट और स्वस्थ रखने के लिए योग करें, संतुलित भोजन करें, ध्यान करें और मन को खुश रखने के लिए ऐसा काम करें जिसे करने में आपको मज़ा आता हो।
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