पिछले साल के अंत और नए साल की शुरुआत में कोरोना की धीमी पड़ती रफ्तार ने जहां लोगों को थोड़ी राहत दी थी और 10वीं-12वीं की कक्षाएं भी शुरू हो गई थी। वहीं मार्च आते-आते कोरोना की तेज़ी से बढ़ती रफ्तार ने सबकी टेंशन बढ़ा दी है। जहां बोर्ड परीक्षा को लेकर गाइडलाइन जारी हो चुकी है कि यह परीक्षा ऑफलाइन ही होगी, ऐसे में बच्चों और पैरेंट्स दोनों की चिंता बढ़ गई है। बच्चों को सिलेबस पूरा न हो पाने की चिंता है तो पैरेंट्स उनकी सुरक्षा को लेकर फिक्रमंद है। हालांकि शिक्षा बोर्ड की ओर से कहा गया है कि सभी सुरक्षा मानकों का ध्यान रखा जाएगा। ऐसे में जहां परीक्षा में कुछ ही समय रह गया है, बच्चों को पढ़ाई पर फोकस करने के लिए कुछ बातों का ध्यान रखना होगा।
टाइम टेबल बनाना है ज़रूरी
कोरोना के चक्कर में पूरे साल बच्चों की पढ़ाई ठीक से नहीं हो पाई। ऐसे में अब एग्ज़ाम टाइम में जरूरी है कि बच्चे हर विषय के अनुसार टाइम टेबल बना लें कि किसे कितना समय देना है। इससे रिविज़न करने और किसी तरह का संदेह होने पर टीचर से उन्हें पूछने में आसानी होगी।
मुश्किल विषय को पहले पढ़ें
कई बार कठिन विषय या कॉन्सेप्ट को आखिर में पढ़ने के लिए छोड़ देते हैं और अंतिम समय में कॉन्सेप्ट समझ न आने पर परेशान हो जाते हैं। इसलिए अभी समय रहते पहले मुश्किल विषय या कॉन्सेप्ट के बारे में टीचर या अपने साथियों से चर्चा कर लें। यदि स्कूल नहीं जातें तो ऑनलाइन ही शिक्षकों से बात करें, मगर किसी तरह के संदेह को आखिरी पल के लिए न छोड़ें।
रिवीजन जरूर करें
कोरोना की वजह से छात्रों की पढ़ाई ठीक से नहीं पाई, ऐसे में बोर्ड एग्जाम का उनपर अधिक दबाव न आए, इसलिए लगभग हर स्टेट बोर्ड और सीबीएसई ने भी सिलेबस कम कर दिया है। बस आपको उसके हिसाब से ही पढ़ाई करनी है और परीक्षा के कुछ दिनों पहले कुछ नया सीखने क बजाय, अब तक जो पढ़ा उसका रिवीजन करना बहुत जरूरी है। लेकिन एग्ज़ाम पेपर हाथ में लेते ही कहीं आपको यह न लगे, ‘अरे! इसका उत्तर तो मैं भूल गया’। जो पढ़ा है सब याद रहे उसके लिए रिवीज़न बहुत ज़रूरी है।
जो पढ़ा है उसके बारे में दोस्तों से चर्चा करें
आपने आज जो भी अध्याय या विषय पढ़ा हो, उसके बारे में फोन पर या ऑनलाइन ही अपने किसी दोस्त से चर्चा करें। इस तरह किसी विषय पर चर्चा करने से उसका कॉन्सेप्ट स्पष्ट हो जाता है और आपको वह चीज़ लंबे समय तक याद रहती है।
ब्रेक तो बनता है
ऐसा नहीं है कि आप पूरे साल की पढ़ाई कुछ हफ्तों में लगाकार बैठकर कर सकते हैं। जैसे मशीन को आराम की जरूरत होती है, वैसे ही दिमाग को भी थोड़ा ब्रेक चाहिए, तभी वह सही तरीके से काम करता है। इसलिए पढ़ाई के बीच-बीच में ब्रेक लेकर दिमाग को आराम दें। इस बीच आप संगीत सुन सके हैं, पैरेंट्स से बात कर सकते हैं या अपना कोई पसंदीदा गेम खेल सकते हैं, इससे तनाव भी नहीं होगा।
कसरत और ध्यान करें
परीक्षा के दौरान भी शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखना जरूरी है। शरीर को फिट रखने के लिए योग या कसरत करें और मन को शांत रखने के लिए कुछ देर मेडिटेशन करें। इससे आपको पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करने में मदद मिलेगी।
नींद का रखें ख्याल
शरीर और मस्तिष्क सही तरीके से काम कर सके इसके लिए 7-8 घंटे की नींद बहुत जरूरी है। नींद पूरे होने पर मूड फ्रेश रहता है और आप मन लगाकर कोई भी काम कर सकते हैं। इसलिए समय पर सोना बहुत ज़रूरी है।
सोशल मीडिया से दूरी
यदि आप चाहते हैं कि पढ़ाई से ध्यान न भटके तो इस दौरान सोशल मीडिया से पूरी तरह दूरी बना लें और मोबाइल नोटिफिकेशन को भी बंद कर दें। एग्जाम टाइम में बच्चा ठीक से पढ़ सके, इसके लिए घर का माहौल शांत और पॉज़िटिव रखना ज़रूरी है और यह जिम्मेदारी हर पैरेंट्स की होती है।
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