जब भी किसी दूसरे देश में जाते हैं, तो वहां टाइम ज़ोन अलग होता है। इससे कई तरह की समस्याएं होने लगती है। हालांकि यह बहुत गंभीर नहीं है, मगर इसकी वजह से नींद न आने और थकान की समस्या हो सकती है, इसलिये जेट लैग से बचने के लिए आपको कुछ कदम उठाने होंगे।
क्या है जेट लैग?
अलग-अलग जगहों का टाइम ज़ोन अलग होता है। जैसे जब भारत में सुबह होती है, तो कई अन्य देशों में शाम/रात हो जाती है। ऐसे में जब हम कम समय में कई अलग-अलग देशों का सफर करते हैं, तो हमारा शरीर वहां के समय के हिसाब से ढल नहीं पाता। इससे नींद संबंधी समस्या हो जाती है, जिसे जेट लैग कहा जाता है।
हमारा शरीर आंतरिक समय के अनुसार काम करता है, जिसे सकर्डियन रिदम या बॉयलॉजिकल क्लॉक कहा जाता है, इसी के ज़रिये शरीर को सोने और जागने का सिग्नल मिलता है। हमारा शरीर जब यात्रा वाली जगह की बजाय वर्तमान टाइम ज़ोन में ही सेट रहता है, तो जेट लैग की समस्या होती है।
जेट लैग की समस्या से बचने के उपाय
नींद का समय एडजस्ट करने की कोशिश करें।
आप जहां जा रहे हैं, वहां के मौसम और समय के मुताबिक खुद को एडजस्ट करें और उसी के अनुसार सोने की कोशिश करें।
लंबी की बजाय छोटी यात्रा करें।
यदि आपको कहीं दूर जाना है, तो यात्रा के दौरान बीच में कहीं रुककर आराम करने का प्लान बनायें। इससे बाइलॉजिकल घड़ी को एडजस्ट होने में मदद मिलेगी और वह जगह से हिसाब से बदल जायेगी।
ज़्यादा खाना और कैफीन से परहेज़ करें।
कैफीन सेंट्रल नर्वस सिस्टम को उत्तेजित करता हैं, जिससे नींद की समस्या हो सकती है। बहुत ज़्यादा भोजन से भी परहेज़ करें क्योंकि इससे नींद ज़्यादा आती है।
हवाई जहाज में सो जायें
यदि आप लंबे सफर पर जा रहे हैं, तो फ्लाइट में सोने की कोशिश करें। लाइट और आवाज़ से बचने के लिए ईयरप्लग का इस्तेमाल करें।
थोड़ी देर धूप में रहें
जगह के हिसाब से आपको पर्याप्त नींद आये, इसके लिए धूप ज़रूरी है। थोड़ी देर धूप में रहना लाइट थेरेपी का काम करता है। डीहाइड्रेशन से बचने के लिए पर्याप्त पानी पिएं। यदि आपको नींद आ रही है तो 15-20 मिनट की झपकी ले सकते हैं।
कसरत करें
डेली एक्सरसाइज़ करें और सुबह-शाम खुली हवा में घूमें, इससे नींद अच्छी आयेगी। साथ ही अच्छी किताबें पढ़ें।
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