कई लोगों को लगता है कि जिसके पास ताकत है, उसके सब काम पूरे हो सकते हैं। लेकिन अगर आप शांत मन से सोचेगे, तो अपको समझ आ जाएगा कि आज भी भले लोग मौजूद हैं, जो दूसरों की परवाह करते हैं। चाहे उनका खुद का काम ही क्यों न हो, तब भी वो दूसरों के बारे में पहले सोचते हैं।
इन बातों को एक कहानी के ज़रिए समझाने की कोशिश करते है, तो चलिए आपको एक कहानी बताते हैं जिससे आपको पता चलेगा कि कैसे चाबी ताले को आसानी से खोल लेती है।
कहानी
एक गांव में एक ताले की दुकान थी। दुकान वाला हर दिन अनेकों चाबियां बनाता और ताले तोड़ा करता था। उससे एक आदमी काम सीखने आया था, जो रोज़ इस प्रक्रिया को देखता था। एक दिन उसने ताले के दुकानदार से पूछा कि हथौड़ा ज़्यादा शक्तिशाली है और हथौड़े के अंदर लोहा भी बहुत है और आकार में भी चाबी से बड़ा है, लेकिन फिर भी हथौड़े से ताला तोड़ने में बहुत समय लगता है और इतनी छोटी चाबी बड़ी ही आसानी से मज़बूत ताला खोल देती है, ऐसे कैसे?

क्या था जवाब?
दुकानदार ने मुस्कुराकर के उस व्यक्ति से कहा कि हथौड़े से तुम ताले पर ऊपर से प्रहार करते हो और उसे तोड़ने की कोशिश करते हो। वहीं चाबी ताले के अंदर तक जाती है, उसके अंतर्मन को छूती है और घूमकर ताले के अंतर्मन को बिना चोट किए स्पर्श करती है और ताला खुल जाता है। यह बात सुनकर व्यक्ति को जीवन में भी सीख मिली।
सीख
जीवन में भी यही होता है। जब हम किसी इंसान से ज़ोर जबरदस्ती से अपना काम करवाना चाहते हैं, तो वह भले ही हमारा काम कर दें, लेकिन समाज में सम्मान पाना मुश्किल हो जाता है। वहीं दूसरी तरफ जो व्यक्ति प्रेम और स्नेह के साथ अपनी बात कहता है और दूसरों से अपने लिए विनम्रता से मदद मांगता है, उसकी मदद के लिए हर कोई तत्पर रहता है। ठीक ऐसे ही हमारा जीवन ताला है, जिसे नम्र और प्रेम भाव से ही खोला जा सकता है।
इसलिए कोशिश करें कि आप भी ताले की चाबी बनें और उसके अंतर्मन को नुकसान पहुंचाएं बिना खोलने की कोशिश करें।
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