किसी प्रेरणा से कम नहीं कोमल की कहानी

किसी प्रेरणा से कम नहीं कोमल की कहानी

FacebookTwitterLinkedInCopy Link

लगन और मेहनत से हर चीज़ पाई जा सकती है और इस बात को साबित कर दिखाया गुजरात की कोमल गनात्रा ने। कोमल है तो बिल्कुल किसी आम महिला की तरह ही, लेकिन उनकी कहानी कुछ खास है। पति द्वारा छोड़े जाने से लेकर यूपीएससी एग्ज़ाम पास करने तक का उनका सफर हर किसी के लिए प्रेरणा है।

दहेज के लिए पति ने किया त्याग

गुजरात की कोमल गनात्रा की शादी साल 2008 में न्यूज़ीलैंड के एक बिज़नेमैन से हुई थी, उस वक्त उनकी उम्र 26 साल थी, लेकिन शादी के 15 दिन बाद ही कोमल के ससुरालवालों ने उन्हें घर से निकाल दिया, क्योंकि कोमल के गरीब पिता उनकी दहेज की मांग पूरी नहीं कर पा रहे थे। कोमल का पति उसे छोड़कर न्यूज़ीलैंड चला गया। कोमल ने उससे मिलने के लिए न्यूज़ीलैंड सरकार को भी पत्र लिखा, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। इस तरह पति के चले जाने से कोमल का दिल ज़रूर टूटा, लेकिन हिम्मत नहीं।

खुद के लिए इंसाफ

कोमल पिता के घर तो आ गई, लेकिन रिश्तेदारों और आस-पड़ोस के लोगों के ताने सुनकर उसने अलग रहने का फैसला किया और घर से 40 किलोमीटर दूर भावनगर चली गईं। वहां एक प्राइमरी स्कूल टीचर की नौकरी करते हुये उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा तैयारी भी शुरू कर दी। कोमल खुद सिस्टम में शामिल होकर खुद के लिए इंसाफ चाहती थी, इसलिये यूपीएससी परीक्षा पास करना चाहती थी। हालांकि कोमल के लिये इस कठिन परीक्षा को पास कर पाना आसान नहीं था। जिस ग्रामीण इलाके में वह रहती थी, वहां न तो हमेशा बिजली रहती थी और न ही अंग्रेज़ी का न्यूज़पेपर आसानी से उपलब्ध था। इसके अलावा कोमल का मार्गदर्शन करने वाला भी कोई नहीं था, बावजूद इसके उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और प्रयास जारी रखा।

किसी प्रेरणा से कम नहीं कोमल की कहानी
नहीं मानी मुश्किलों से हार  | इमेज: यूट्यूब

आखिरकार मिल गई कामयाबी

तीन बार परीक्षा में नाकाम होने के बाद आखिरकार चौथे प्रयास में उन्हें सफलता मिली। 2012 में कोमल ने यूपीएससी की परीक्षा पास कर ली और इंडियन रेवन्यू सर्विस जॉइन की। एक रिटार्यड प्राइमरी स्कूल टीचर की बेटी कोमल ने पांच सालों की कड़ी मेहनत के बाद ये सफलता हासिल की। जिन हालातों से लड़कर कोमल आगे बढ़ी है वह हर इंसान को कठिन से कठिन परिस्थितियों में भी लड़ने की प्रेरणा देता है।

कोमल से मिलती है प्रेरणा

आमतौर पर पति द्वारा छोड़े जाने पर महिलायें टूट जाती हैं, अपनी ज़िंदगी को बेकार समझने लगती हैं, लेकिन कोमल ने खुद के साथ ऐसा नहीं होने दिया। इन हालातों में उन्होंने खुद को मज़बूत किया और यह दिखा दिया कि हर इंसान की अपनी अलग पहचान होती है और उसे खुद के लिए जीना चाहिये। ऐसी कुछ महिलाओं की कहानी ThinkRight.me हिन्दी में पहले भी पब्लिश हो चुकी है।

इमेज: फेसबुक
और भी पढ़े: हम बढ़ेंगे साथ-साथ

अब आप हमारे साथ फेसबुक और इंस्टाग्राम पर भी जुड़िये।

Your best version of YOU is just a click away.

Download now!

Scan and download the app

Get To Know Our Masters

Let industry experts and world-renowned masters guide you towards a meditation and yoga practice that will change your life.

Begin your Journey with ThinkRight.Me

  • Learn From Masters

  • Sound Library

  • Journal

  • Courses

Congratulations!
You are one step closer to a happy workplace.
We will be in touch shortly.