क्रिएटिवटी और तकनीक का अनोखा मेल है कुशल दासगुप्ता

क्रिएटिवटी और तकनीक का अनोखा मेल है कुशल दासगुप्ता

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कुशल दासगुप्ता, जैसा नाम, वैसा काम यानी हर फील्ड में काम को इतनी कुशलता से करना कि देखने, पढ़ने और सुनने वाले हैरान हो जायें। हर कोई किसी एक फील्ड में बेहतर होता है, लेकिन कुशल के लिए शायद कोई भी काम मुश्किल ही नहीं है। वह स्क्रिप्ट राइटर, फोटोग्राफर, वीडियोग्राफर, डायरेक्टर और होस्ट होने के साथ दस अलग अलग गैजेट्स एक साथ चलाते है। 18 साल की छोटी सी उम्र में अपने नाम कई रिकॉर्ड्स करने वाले कुशल दासगुप्ता से ThinkRight.me ने खास मुलाकात की।

कैसे बनाये रिकॉर्ड्स?

गैजेट्स चलाने का शौक तो मुझे बचपन से ही था, होस्टल में एक साथ तीन चार गैजेट्स एक साथ चलाता था। परिवार ने जब यह देखा, तो उन्होंने मेरा हौसला बढ़ाया और स्कूल की छुट्टियों में जब मैं घर गया, तो मैंने दस गैजेट्स को एक साथ ऑपरेट करने का फैसला किया। बस, फिर क्या था, मैंने दस डिवाइस पर सिर्फ तीन मिनट 29 सेकंड में अलग-अलग काम करके कई रिकॉर्ड्स अपने नाम किये। मुझे फोटोग्राफी, ओलंपियाड और आर्ट में भी कई अवॉर्ड मिल चुके हैं।

पढ़ाई, आर्ट्स और टेक्नोलॉजी एक साथ, किससे प्रेरणा मिलती है?

दरअसल मैं अपने भाई से बहुत प्रेरित हूं, जिनका करीब 90 प्रतिशत शरीर काम नहीं करता। इसके बावजूद उन्होंने कभी हार नहीं मानी और आज उनके नाम कई रिकार्ड्स हैं। वह हमेशा कहते है कि काम ऐसा करो, जो सबसे अलग हो और हमेशा अपने दिल की सुनो। इसीलिए शायद जब बाकी युवा करियर और कॉलेज का सोचते है, मैंने अपने दिल की सुनी और वह सभी काम करता हूं, जो मुझे करना बहुत पसंद है। इससे मुझे खुशी मिलती है और वही खुशी में दूसरों को भी देना चाहता हूं।

क्रिएटिवटी और तकनीक का अनोखा मेल है कुशल दासगुप्ता
छोटी उम्र में किये बड़े काम

क्रिएटिविटी और टेक्नोलॉजी, दोनों को कैसे मैनेज करते है?

ऐसा शायद इसलिए हो पाता है, क्योंकि क्रिएटिविटी मेरे खून में है और तकनीक मेरे दिमाग में, जो मुझे हर वक्त सृजनात्मक बनाते है। दोनों ही फील्ड में काम करना मुझे बेहद पसंद हैं, क्योंकि यही मेरी ज़िंदगी का हिस्सा और जुनून है। मुझे किसी तरह का दबाव या तनाव महसूस नहीं होता, क्योंकि मैं सब कुछ दिल से करता हूं। आज के ज़माने में मल्टीटास्किंग होना ज़रूरी है, क्योंकि हमारे पास समय बहुत कम है और काम बहुत ज़्यादा।

अब आगे क्या करने का सोचा है ?

भविष्य में मेरा इरादा और भी अनोखे रिकॉर्ड बनाने का है और मुझे पता है कि सही वक्त आने पर मैं यह ज़रूर करूंगा। दरअसल, मुझे हमेशा मेरा भाई प्रेरणा देता है कि ज़िंदगी में कभी हार मत मानो और लगातार काम करते जाओ। फिलहाल मेरा टारगेट गिनीज़ बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज कराना है। इसके अलावा मेरा सपना मीडिया आन्ट्रप्रेनर बनने का भी है।

आप युवाओं से क्या कहेंगे?

हम सभी भारत का भविष्य है और अगर हम सभी हिम्मत और विश्वास रखकर आगे बढ़ते जायेंगे, तो वक्त भी हमारा साथ देगा। युवा सशक्त होगा, तभी भारत शक्तिशाली देश बन पायेंगा। हमेशा यह सोचना चाहिये कि ज़िंदगी एक बार ही मिलती है और इसमे हमें अपनी पसंद का सब काम कर लेना चाहिए।

और भी पढ़े: भारतीय संविधान – कला का एक स्वरूप

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