खेल में कई फील्ड ऐसे है, जहां सिर्फ पुरूषों का ही बोलबाला था, अब उसमें भारत की बेटियों ने न सिर्फ अपना दम दिखाया बल्कि अंतरर्राष्ट्रीय स्तर पर भी देश का मान बढ़ाया हैं।
पर्वतारोहण
पहाड़ों पर चढ़ना आसान नहीं होता, लेकिन कुछ महिलाएं बनी ही मुश्किल काम करने के लिए हैं। तभी तो अब तक कई महिलायें एवरेस्ट की कठिन चोटी फतह कर चुकी हैं। बचेंद्री पाल एवरेस्ट पर पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला थी। उनके अलावा अरुणाचल प्रदेश की अंशु जमसेंपा भी एवरेस्ट पर चढ़ाई कर चुकी है। एवरेस्ट पर तिरंगा लहराने वालों की लिस्ट में दिव्यांग अरुणिमा सिन्हा का नाम भी शामिल है। साल 2013 में एवेरेस्ट फतह करने वाली वह दुनिया की पहली दिव्यांग महिला है। संतोष यादव ने 20 साल की उम्र में दो बार माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई करके वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया।
रेसलिंग
रेसलिंग यानी पहलवानी को कभी सिर्फ मर्दों का खेल समझा जाता था, लेकिन इस खेल में देश मर्दानियों ने ऐसा दमखम दिखाया, जिसने सबको हैरान कर दिया। गीता फोगाट ने रेसलिंग में भारत को पहला गोल्ड मेडल 2010 के ओलंपिक खेलों में दिलाया। गीता की दोनों बहनें बबीता और रितु फोगाट भी बेहतरीन रेसलर हैं। इन बहनों के अलावा साक्षी मलिक ने भी इस खेल में देश का मान बढ़ाया है। साक्षी ने 2016 के ओलंपिंक खेलों में कांस्य पदक जीता। ऐसा करने वाली वह पहली महिला पहलवान हैं। हरियाणा की इन छोरियों के अलावा भारतीय महिला पहलवान नवजोत कौर ने भी पिछले साल एशियन रेसलिंग चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रचा था।
क्रिकेट
भले ही महिला क्रिकेट पुरुषों के क्रिकेट जितनी मशहूर न हो, लेकिन यहां भी विराट कोहली जैसे बेहतरीन खिलाड़ी हैं। महिला क्रिकेट टीम की की कप्तान मिताली राज की गिनती दुनिया की बेहतरीन खिलाड़ियों में होती है। वह 200 वनडे मैच खेलने वाली दुनिया की पहली महिला क्रिकेटर बन गई हैं। उनके अलावा भारतीय महिला क्रिकेट टीम की उप कप्तान स्मृति मंधाना भी बेहतरीन खिलाड़ी है। हाल ही में आईसीसी (ICC) ने उन्हें 2018 की महिला क्रिकेटर और 2018 की महिला वनडे खिलाड़ी चुना है। इनके अलावा हरमनप्रीत कौर भी शानदारी खिलाड़ी हैं। वह टी20 टीम की कप्तान भी रह चुकी हैं।
फुटबॉल
फुटबॉल के मैदान में अदिति चौहान नए कीर्तिमान बना रही है। अदिति महिला फुटबॉल टीम की कैप्टन हैं और गोलकीपर के रूप में खेलती हैं। इसके अलावा वह वेस्ट हैम यूनाइटेड लेडीज की तरफ से भी खेलती हैं। मबिम लिनथोइंगंबी देवी, सोवमिया नारायणसामी, नग्नबम स्वीटी देवी, जबमनी टुडू आदि अन्य महिला फुटबॉल खिलाड़ी हैं।
बॉक्सिंग
बॉक्सिंग और एमसी मैरी कॉम एक दूसरे का पर्याय बन चुके हैं। 3 बच्चों की मां मैरीकॉम 6 बार वर्ल्ड चैंपियन रह चुकी हैं। मैंगते चंग्नेइजैंग मैरी कॉम यानी एमसी मैरी कॉम ने मणिपुर के एक छोटे से गांव से निकलकर पूरी दुनिया में देश का नाम रोशन किया है। बॉक्सिंग रिंग में मैरी कॉम के अलावा सरिता देवी और पूजा रानी जैसी महिलाएं भी अपना दमखम दिखा रही हैं।
जिमनास्ट
इस खेल के बारे में कम ही लोग जानते हैं, लेकिन रियो ओलंपिक में जब दीपा करमाकर ने जगह बनाई, तब हर किसी की ज़ुबान पर उनका ही नाम था। ओलंपिक में क्वालिफाई करने वाली वह पहली भारतीय महिला जिमनास्ट हैं, भले ही वह मेडल नहीं जीत पाई थी, लेकिन अपने जज़्बे से लोगों का दिल ज़रूर जीत लिया था। दीपा के अलावा अरुणा रेड्डी भी बेहतरीन जिमनास्ट हैं। पिछले साल मेलबर्न में हुए जिमनास्टिक्स वर्ल्डकप में उन्हों कांस्य पदक जीता था।
इमेज: फेसबुक
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