दुनिया में कुछ ऐसे लोग भी है, जो सिर्फ अपना फायदा नहीं, बल्कि ज़रूरतमंदों की मदद के लिए काम करते हैं। सिंगापुर में एक ऐसे ही बिज़नेसमैन ने दस हज़ार बिना इस्तेमाल की हुई साइकिलें खरीद लीं, ताकि म्यांमार के गरीब बच्चों की मदद हो सके।
जंग खा रही साइकिलों का सही इस्तेमाल
सिंगापुर की बाइक शेयरिंग कंपनी जून 2018 में बंद हो गई और सिंगापुर से उसका कारोबार खत्म हो गया। इसका नतीजा यह हुआ कि हज़ारों की संख्या में बिना इस्तेमाल हुई साइकिलें ऐसे ही सड़कों पर कबाड़ की तरह पड़ी जंग खा रही थी। इतनी बड़ी संख्या में साइकिलों का अंबार देखकर उद्यमी माइक थान तुन विन को बहुत दुख हुआ। माइक के दिमाग में ख्याल आया कि क्यों न इन बेकार साइकिलों को म्यांमार के गरीब बच्चों को दे दिया जाये, जो कई किलोमीटर पैदल चलने के मज़बूर हैं।
आसान नहीं था काम
माइक के लिये यह काम आसान नहीं था क्योंकि पहले तो राइड शेयरिंग इलेक्ट्रिकल सिस्टम वाली साइकिलों को सिंपल ताले-चाबी वाली साइकिल में बदलना था और फिर इसे सिंगापुर से म्यांमार पहुंचाना भी काफी खर्चीला काम है। मगर माइक ने कोशिश जारी रखी और बच्चों की मदद का अपना वादा पूरा किया। अब तक वह 4700 साइकिल म्यांमार पहुंचा चुके हैं और बाकी की 5300 अभी रास्ते में है।
कई किलोमीटर पैदल चलते हैं बच्चे
अपनी कई टूर के दौरान माइक ने देखा कि म्यांमार के गरीब बच्चों को स्कूल जाने के लिये करीब एक-एक घंटे पैदल चलना पड़ता है। चूंकि उनका परिवार बहुत गरीब है, इसलिये वह साइकिल भी नहीं खरीद सकते। इन लोगों के लिये स्कूल बस तो किसी सपने जैसा है। इसलिये जब विन ने साइकिलों का अंबार देखा, तो उससे इन बच्चों की मदद का प्रण लिया। वह लेट्सवॉक प्रोजेक्ट के तहत यह काम कर रहे हैं और इस काम के लिए आर्थिक मदद के लिए वह अन्य लोगों से दान तो ले ही रहे हैं, लेकिन अपनी जेब से भी बहुत पैसे खर्च कर रहे हैं।
मदद का पाठ
माइक की तरह यदि दुनिया का हर सक्षम इंसान अपनी क्षमता के अनुसार गरीबों की मदद के लिए आगे आयें, कई गरीबों की मुश्किलें थोड़ी कम ज़रूर हो जायेगी।
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