गर्भावस्था में महिलाओं को होने वाली कई समस्याओं में एक अनिद्रा भी है यानी उन्हें रात को नींद नहीं आती। नेशनल स्लीप फाउंडेशन के एक सर्वे के मुताबिक, लगभग 78% गर्भवती महिलाओ को सोने में दिक्कत आती है, जबकि 15% महिलाओं को प्रेग्नेंसी के तीसरे चरण में पैरों में ऐंठन की शिकायत होती है। गर्भावस्था में होने वाले हार्मोनल और शारीरिक बदलाव की वजह से नींद न आने की समस्या आम है जिसे दूर करने के लिए आपको अपनी रोज़मर्रा की आदतों में कुछ बदलाव करने होंगे।
सोने का समय तय करें
एक दिन आप 10 बजे ही सोने चली जाती हैं और अगले दिन 12 बजे तक कोई फिल्म देखती रहती हैं या देर रात किसी से फोन पर गप्पे मारती हैं, तो यह आदत अब आपको बदलनी होगी। रोज़ाना रात को सोने और सुबह उठने का समय तय करें, उससे आपका शरीर उसे अनुसार ढल जाएगा। यदि सुबह जल्दी उठती हैं तो रात को 10 से 10.30 के बीच सोने की आदत डालें।
रात का भोजन हो हल्का
अयुर्वेद के अनुसार रात का खाना हल्का ही होना चाहिए। इससे आप अच्छी नींद ले सकते हैं जो आपकी सेहत के लिए बहुत ज़रूरी है। रात को हमेशा हल्का और आसानी से पचने वाला भोजन ही करें और बहुत ज़रूरी है कि आप सोने से कम से कम 2 घंटे पहले खाना खा लें वरना रात को सीने में जलन और गैस की वजह से असहजता होगी और आपको नींद नहीं आएगी।
कैफीन युक्त चीज़ों का सेवन कम करें
चाय-कॉफी, एनर्जी ड्रिंक, कोल्ड ड्रिंक, चॉकलेट आदि का सेवन बहुत सीमित मात्रा में करें। खासतौर पर शाम के बाद से इनका सेवन बिल्कुल न करें। रात को तरल पदार्थों का सेवन कम से कम करें, क्योंकि ज़्यादा तरल पदार्थ का सेवन करने पर रात को आपको बार-बार पेशाब के लिए जाना पड़ता है और इससे नींद खराब होती है।
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गर्म दूध या हर्बल चाय पिएं
यदि आपको नींद नहीं आने की समस्या है तो रात को सोने से थोड़ी देर पहले थोड़ी मात्रा में गर्म दूध या कैफीन फ्री हर्बल चाय पी सकती हैं।
किताब पढ़ें या म्यूज़िक सुनें
यदि बिस्तर पर जाने के बाद आपको जल्दी नींद नहीं आती है तो बस करवटे बदलने के लिए जल्दी बिस्तर पर न जाएं। पहले कोई किताब पढ़ लें या म्यूज़िक सुनें। इससे जल्दी नींद आ जाती है।
आरामदायक पोजिशन
चूंकि पेट बढ़ने की वजह से सोने में असहजता होती है, इसलिए कमर और पैरों को सपोर्ट देने के लिए आप तकिए का इस्तेमाल करके खुद को आरामदायक पोजिशन में लाएं और फिर सोने की कोशिश करें।
ज़्यादा न सोचें
अपनी सेहत और होने वाले बच्चे की सेहत को लेकर हमेशा सोचते न रहें। ज़िंदगी को सामान्य तरीके से चलने दें और खुद को दूसरे काम में व्यस्त रखें। नींद नहीं आती है तो बार-बार इस समस्या पर ही फोकस न करें। सारे काम खत्म करके नियम समय पर शांत मन से बिस्तर पर जाएं और थोड़ी देर चाहें तो मेडिटेशन करें और किताब पढ़ लें।
सोने की सबसे अच्छी पोजिशन
प्रेग्नेंसी में सामान्य तरीके से सोना आसान नहीं होता खासकर दूसरे और तीसरे चरण में जब पेट और शरीर का आकार बढ़ने लगता है। ऐसे में जानकारों का कहना है कि बायीं करवट लेकर सोना सबसे सही तरीका है, इससे भ्रूण का विकास भी सही तरीके से होता है और रक्त प्रवाह ठीक तरह से होता है। इस तरह से सोने से शरीर को आराम मिलता है और गर्भनाल के जरिए बच्चे को पोषक तत्वों की आपूर्ति होती रहती है।
गर्भावस्था में 7-8 घंटे की नींद बहुत ज़रूरी है।
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