आज भी कई लोग ये मानते हैं कि महिला घर संभालती है और पुरूष बाहर की ज़िम्मेदारियां निभाता है। लेकिन ऐसा नहीं होता, आज महिलायें हर फील्ड में बेहतरीन काम कर रही है। अगर महिलायें और पुरूष दोनों ही नौकरी करते हैं, इसलिये घर का काम करने की ज़िम्मेदारी होती है।
तनाव की क्या होती है वजह?
कई बार ऐसा होता है कि दपंति इतने बिज़ी होते हैं कि घर के काम में एक दूसरे से मदद न मिल पाने के कारण वह एक दूसरे को दोष देने लगते हैं। इससे धीरे-धीरे उन दोनों में तनाव बढ़ने लगता है और कई बार मामला झगड़े तक पहुंच जाता है।
समझने की ज़रूरत
घर पर सभी को समझने की ज़रूरत है कि पहले का ज़माना नहीं रहा, जब पुरूष सिर्फ बाहर काम करते थे और महिलायें सिर्फ होममेकर थी। कई बार पुरूष बचपन से देखते है कि उनके घर में सिर्फ महिलायें ही काम करती है। लेकिन कई घरों में इससे बिल्कुल विपरीत होता है। मिसाल के तौर पर एक आदमी ऑफिस से लौटकर भी अपनी होम मेकर वाइफ की घर के कामों में मदद करता है। अगर बच्चा ऐसा देखता है, तो वह भी बड़े होने पर अपनी पत्नी के साथ घर आकर काम करवाता है। घर की ज़िम्मेदारियों को बराबरी से संभालता है।
सीखना ज़रूरी
आप दोनों में से जिस भी पहलु को देखते हुये बड़े हुये हो, लेकिन आपके आने वाले बच्चे आपको देख कर क्या सीखेंगे यह आपके ऊपर है। भविष्य में बच्चों को ये सिखाना बहुत ज़रूरी है कि घर के कामों में बराबरी होनी चाहिये। आपको ये बात बेटे और बेटी दोनों को समझानी चाहिये।
क्या करना ज़रूरी?
– अपने बेटे-बेटी को एक समान शिक्षा दे, फिर चाहे वो स्कूली ज्ञान हो या फिर घर के कामों की समझ।
– यह एक मिथक है कि लड़के घर नहीं संभालना चाहते, कई लड़के अपनी वाइफ को आगे बढ़ने देते हैं और ऐसी ऑफिस शिफ्ट करते हैं कि घर संभाल सकें।
– प्यार की परिभाषा में एक दूसरे का साथ देने के साथ-साथ एक दूसरे की कामों में मदद करना भी शामिल होना चाहिये।
– अगर कोई काम नहीं आता, तो उसे सीखने की कोशिश करनी चाहिये।
– अपनी पत्नी को सपने देखने दें, उसकी उड़ान में मदद करें।
– छोटी-छोटी बातों को अपनाने से आपकी ज़िंदगी में मिठास घुल जायेगी।
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